पुलिस अधिकारियों को वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन का दिया गया प्रशिक्षण
बिलासपुर । अपराधों की विवेचना की गुणवत्ता बढ़ाने एवं वैज्ञानिक तरीके अपनाकर घटना स्थल से फिजिकल, बायोलॉजिकल, सेरोलॉजिकल, टेक्सोलॉजिकल ,बैलेस्टिक साक्ष्यों को सुरक्षित करने किट के इस्तेमाल विषय पर बिलासपुर रेंज स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जल संसाधन परिसर स्थित प्रार्थना सभा भवन में किया गया । इसमें रेंज के जिलों से नामांकित 8 राजपत्रित अधिकारियों सहित 112 विवेचक स्तर के पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुए। राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोग शाला रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज बी.एन.मीणा द्वारा किया गया । कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि विवेचना के दौरान वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन की कमी का लाभ अपराधी को मिल जाता है , जिससे वे दोषमुक्त हो जाते हैं। पुलिस द्वारा अपराधों की विवेचना में वैज्ञानिक पद्धति से साक्ष्य संकलन के दृष्टिगत रेंज/जिला एवं थाना स्तर पर एविडेंस कलेक्शन बाक्स का वितरण किया गया है, जिसके महत्व को समझकर विवेचना की खामियां दूर करने, साक्ष्य संकलन व प्रस्तुतिकरण में इसका उपयोग किया जाना चाहिए। श्री मीणा ने कहा कि विवेचना अधिकारियों को जागरूक होना चाहिए, क्योंकि अब विवेचना में त्रुटि के लिए उनकी जिम्मेदारी निर्धारित कर उन्हें लापरवाहीपूर्ण विवेचना के लिए सजा भी दी जा रही है। विवेचना अधिकारी को खुद को अपग्रेड कर साइंटिफिक टूल्स, कम्प्यूटर, मोबाल का ज्ञान अर्जित कर इसका उपयोग अपने कार्यक्षेत्र में करना चाहिए। अपराधी की सोच से आगे अपनी सोच रखकर अपना कार्य करें। पुलिस महानिरीक्षक ने विवेचना अधिकारियों से कहा कि विवेचना में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग किया जाए तो विवेचक की अपनी महत्ता बढ़ेगी। इसलिए वे यहां से प्राप्त ज्ञान को जिले के अन्य विवेचकों से साझा करें।
डॉ.टी.एल.चन्द्रा, संयुक्त संचालक प्रशासन एवं एस.ओ.सी., डॉ. मोहन पटेल, वैज्ञानिक अधिकारी, डा. संदीप वैष्णव, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी द्वारा अपराधों की प्रकृति तथा घटना स्थल से साक्ष्यों को एकत्रित करने के लिए दिये गये अलग-अलग किट के साथ ही रेंज के जिलों को महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रकरणों में घटना स्थल पर उपलब्ध भौतिक साक्ष्यों को सुरक्षित, संकलित करने के लिए किट का इस्तेमाल होना चाहिए। कार्यशाला में के वैज्ञानिक पद्धति से किट के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। श्री चंद्रा द्वारा बताया गया कि वर्ष 2023 से छत्तीसगढ़ राज्य में नार्को टेस्ट, पालीग्राफी टेस्ट प्रारंभ होने जा रहा है, जिसके लिए अब राज्य की पुलिस को अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता नही होगी। श्री संदीप वैष्णव द्वारा बताया गया कि उपलब्ध कराये गये किट के माध्यम से जॉचकर्ता अधिकारी तत्काल मौके पर ही मादक पदार्थो का परीक्षण कर सकते है, जिससे विवेचना कार्यवाही को गति मिलेगी । श्रीमती संचाली पाध्ये, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा डी.एन.ए. की जॉच हेतु किट के माध्यम से सैंपल की सुरक्षित पैकिंग की जानकारी दी गई । श्रीमती दीपमाला कश्यप, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज द्वारा वैज्ञानिक अधिकारियों का आभार व्यक्त किया गया। प्रशिक्षण में राजेन्द्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर, सुश्री पूजा कुमार भापुसे, नगर पुलिस अधीक्षक, कोतवाली, , दीपक मिश्रा, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, जिला रायगढ़, विश्वदीपक त्रिपाठी, नगर पुलिस अधीक्षक, कोरबा, श्रीमती माधुरी धिरही, उप पुलिस अधीक्षक, जिला मुंगेली, आई.तिर्की, उप पुलिस अधीक्षक, गौ.पे.म. मनीष कुंवर, उ.पु.अ. जिला सारंगढ़-बिलाईगढ, श्रीमती अंजली गुप्ता, उप पुलिस अधीक्षक, सक्ती कार्यशाला में प्रमुख रूप से शामिल थे ।