मुंबई। Tata Group: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद शुक्रवार सुबह (11 अक्टूबर) को टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) की अहम बैठक हुई, जिसमें स्वर्गीय रतन टाटा के उत्तराधिकारी के तौर पर उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को नॉमिनेट किया गया। नोएल टाटा, टाटा ट्रस्ट्स के नए चेयरमैन बनाए गए हैं। रतन टाटा का बुधवार रात को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था, वे 86 वर्ष के थे।

Tata Group: नोएल टाटा वर्तमान में सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट दोनों के ट्रस्टी हैं, जो टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख घटक हैं। पिछले कुछ सालों में उनकी बढ़ती भागीदारी को देखते हुए उन्हें ट्रस्ट्स की देखरेख के लिए संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था, जिस पर आज मुहर लग गई। वर्तमान में एन. चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन हैं और उसका नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन अब फोकस ट्रस्ट्स की लीडरशिप पर है, जिसे रतन टाटा ने 2012 में टाटा सन्स से रिटायरमेंट के बाद संभाला था।

नोएल पर इन कंपनियों की जिम्मेदारी 

टाटा ग्रुप के साथ 4 दशक से जुड़े नोएल टाटा अभी टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के चेयरमैन हैं। वे ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियों के चेयरमैन हैं और टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस-चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं।क्षनोएल टाटा (Noel Tata) का मिस्त्री परिवार के साथ रिश्ता भी एक अहम फैक्टर है, क्योंकि उनकी शादी पलोनजी मिस्त्री की बेटी और साइरस मिस्त्री की बहन आलू मिस्त्री से हुई है। मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स में 18% हिस्सेदारी है, जो टाटा समूह के भविष्य के नेतृत्व के फैसलों में प्रभाव बनाए रखता है।

 नोएल टाटा के 3 बच्चे कंपनियों में 

टाटा ट्रस्ट्स के नए चेयरमैन (Tata Trusts New Chairman Noel Tata) नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं- लिया, माया और नेविल। सबसे बड़ी बेटी लिया टाटा ने IE बिजनेस स्कूल, मैड्रिड से मार्केटिंग में मास्टर्स डिग्री हासिल की है और अभी टाटा समूह में कार्यरत हैं। वह इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड में वाइस प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी निभा रही हैं। माया टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा कैपिटल में एक एनालिस्ट के रूप में की थी और कंपनी में धीरे-धीरे ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही हैं जबकि नेविल टाटा ने ट्रेंट से अपने करियर की शुरुआत की, जो उनके पिता द्वारा स्थापित टाटा की एक रिटेल कंपनी है। नेविल आयरिश सिटिजन हैं।

2012 में रतन टाटा बने थे ट्रस्ट्स के चेयरमैन

Tata Group: रतन टाटा का टाटा ट्रस्ट्स में कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा। टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटने के बाद भी उनका ट्रस्ट्स पर प्रभाव बना रहा, जिससे साइरस मिस्त्री के कार्यकाल के दौरान खींचतान भरा माहौल बना। अब नोएल टाटा को ट्रस्ट्स का प्रमुख बनाया जाना एक नया मोड़ है और शायद टाटा समूह के भविष्य के प्रशासनिक ढांचे में भी कुछ बदलाव संभव है। टाटा ग्रुप दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है और ग्लोबल ऑपरेशन से 165 बिलियन डॉलर से ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करता है।

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