एसपी के खिलाफ पोस्टर लगाए, दंगाइयों का संरक्षण देने वाला बताते हुए कहा बर्खास्त किया जाए
बलरामपुर । कल रात यहां कुछ लोगों द्वारा बलवे जैसी घटना को अंजाम देने कै विरोध में विधायक बृहस्पति सिंह राष्ट्रीय राजमार्ग पर समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए , जिससे आवागमन घंटों अवरूद्ध रहा। आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की बजाय थाने में उनकी आवभगत करने का आरोप लगाते हुए एसपी के खिलाफ पोस्टर तक लगा दिए गए। पोस्टर में एसपी को दंगाइयों का संरक्षक बताते हुए लिखा गया कि एसपी को बर्खास्त किया जाए।

घटना रात करीब 10 की बताई जा रही है। एक पटवारी के कथित रूप से काम नहीं करने पर एक युवक की आपसी रंजिश चल रही थी। इस युवक के कुछ साथी अंबिकापुर से बारात में आए थे। यूवक ने साथियों से मिलकर पटवारी और उसका बचाव कर रहे लोगों को दौड़ा – दौड़ा कर पीटा।इस घटना की सूचना विधायक बृहस्पत सिंह को रात में ही समर्थकों ने दी। वह रात एक बजे थाने पहुंच गए। विधायक के थाने पहूंचने की खबर पाकर एसपी मोहित गर्ग भी थाने पहुंचे और घटना की जानकारी ली। आज दोपहर विधायक बृहस्पति सिंह पुलिस पर दंगाइयों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए और मार्गं जाम कर दिया। इतना जही नहीं एसपी मोहित गर्ग के खिलाफ पोस्टर तक लगा दिए गए। पोस्टर में एसपी को दंगाइयों का संरक्षक बताया गया और कहा गया कि ऐसे एसपी को बर्खास्त किया जाए। अपने समर्थकों के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस के रवैए से विधायक बेहद गुस्से में थे। आरोपियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर विधायक के धरने पर बैठने के काफी देर बाद भी उनसे मिलने एसपी नहीं पहुंचे तो विधायक के साथ आंदोलन पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने थाने के बोर्ड पर ही पुलिस अधीक्षक के खिलाफ पोस्टर लगा दिये ।ये पोस्टर थाने के बोर्ड के साथ ही थाना परिसर के बाहरी दीवारों पर भी लगे थे। पोस्टर लगाये जाने के बाद धरना स्थल स्थल पर एसपी और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की ई। धरना शिम को तब समाप्त किया गया जब पुलिस की ओर से जानकारी दी गई मारपीट में शामिल 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। विधायक चाहते थे कि आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनका शहर में जुलूस निकाला जाए।
सत्ता दल के विधायक के इस धरना प्रदर्शन पर लोगों में तरह – तरह की चर्चा भी होती रही। विपक्ष ने तंज कसा कि इस सरकार में सत्ता दल के विधायक को पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा हो तो कानून व्यवस्था कुछ स्थिति की कल्पना की जा सकती है।

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