बिलासपुर । सहारा इंडिया में लाखों रुपए जमा करने के बाद भुगतान के लिए परेशान होते निवेशक शीघ्र भुगतान की मांग को लेकर 13 दिसंबर को रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगेl
निवेशक सचिन काले ने यहां प्रेस क्लब में पत्रकारों को बताया कि सहारा इंडिया और सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी दो अलग-अलग संस्थाएं हैं और निवेशकों का पैसा सहारा सोसाइटी में जमा हैl उन्होंने बताया कि उनकी रकम की अवधि पूरी हो चुकी है, लेकिन सहारा सोसाइटी भुगतान करने में विलंब कर रही है और तरह-तरह के बहाने बना रही है। जब भी निवेशक सोसाइटी के कार्यालय में जाते हैं तो उन्हें गलत जानकारी देकर जाने कह दिया जाता है और यह बताया जाता है कि सेबी से विवाद होने के कारण भुगतान लंबित है।
निवेशक संजय मिश्रा और सतीश शर्मा ने बताया कि बहुत से सहारा पीड़ितों का भुगतान नहीं आया है । सहारा के अध्यक्ष सुब्रत राय को जेल भेजा गया था पर जमानत मिलते ही वे अपनी पत्नी और बहू के साथ भारत छोड़कर चले गए। देशभर में केस दर्ज हुए हैं। जमाकर्ताओं के पक्ष में अदालती फैसला आने के बाद भी कुछ नहीं हो पा रहा है। जमाकर्ताओं ने समय-समय पर स्थानीय प्रशासन राज्य तथा केंद्र शासन के पास शिकायतें की, लेकिन प्रशासन कार्यवाही करने में असफल रहा। निवेशकों ने बताया कि अतिरिक्त कलेक्टर ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए 17 नवंबर 2022 को आदेश दिया है , परंतु अभी तक उसका क्रियान्वयन नहीं हुआ। निवेशक जयदीप बोस परमेश्वर साहू और रितु चंद्राकर ने बताया कि ऐसी स्थिति में आंदोलन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह गया है । मंच 13 दिसंबर को रैली निकालेगा और धरना प्रदर्शन करेगा । उन्होंने बताया कि कि निवेशकों की रकम सहारा इंडिया के पास जमा होती है, लेकिन रसीद सहारा सोसाइटी की दी जाती है । उन्होंने बताया बिलासपुर से 500 करोड़ जमा किए गए थे । लगभग 15000 निवेशकों ने राशि लगाई थी । उन्होंने आरोप लगाया कि इन पैसों से सहारा ने पूरे देश में जमीनें खरीदी और एयरलाइंस शुरू की , लेकिन जनता को पैसा वापस नहीं किया । विवाद के बाद कुछ लोगों को रकम वापस की गई । एक स्थिति ऐसी भी आई कि सहारा का चेक बाउंस हो गया । जिन निवेशकों ने सन 2012 में निवेश किया था उनकी अब परिपक्वता तिथि आ गई है लेकिन सहारा ने भुगतान नहीं किया है । सेबी से विवाद की बात कह कर भुगतान करने में आनाकानी की जा रही है l