रायपुर । राष्ट्रीय रैंकिंग में छत्तीसगढ़ के शिक्षा संस्थानों का प्रदर्शन ऐसा यह रहा है कि कोई संस्थान देश के टाप-50 या टाप-100 संस्थानों में शामिल नहीं हो सका। इस सूची में राज्य में संचालित केन्द्रीय शिक्षा संस्थान ही जगह बनाने में सफल हुए हैं।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की 2023 की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ से केवल 4 संस्थानों ने रैंक हासिल किया है। इसमें आईआईएम रायपुर ने 11वां, एम्स रायपुर ने 39वां, एनआईटी रायपुर ने 70वां और आईआईटी भिलाई ने 81वां रैंक हासिल किया है। आईआईएम ने पिछले साल 14वें रैंक से 11 रैंक पर पहुंच गया है। वहीं एम्स रायपुर पिछले साल 49 वें रैंक पर था इस साल 39वां रैंक हासिल किया है। एनआईटी रायपुर साल 2022 की रैंकिंग में 65 रैंक पर था, जो इस साल 70 पर पहुंच गया है। आईआईटी भिलाई पहली बार एनआईआरएफ की रैंकिंग में शामिल हुई और टॉप 100 इंजीनियरिंग संस्थानों में 81वें रैंक पर है।
ऐसे तय की जाती है रैंकिंग
एनआईआरएफ की रैंकिंग में विभिन्न श्रेणियों जैसे विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कालेज, मैनेजमेंट, फार्मेसी, डेंटल, लॉ और अन्य विषयों की श्रेणियों में सभी कालेजों की रैंकिंग तय की जाती है।NIRF Ranking: मंत्रालय स्तर पर तैयार की जाने वाली इस रैंकिंग में विशुद्ध रूप से विभिन्न पैमानों पर संस्थानों की प्रगति का आंकलन किया जाता है जिसमें शिक्षण के लिए उपलब्ध संसाधन, शोध और अन्य शैक्षणिक गतिविधियां, स्नातकों का प्रदर्शन, विभिन्न वर्गों का समावेश और अन्य वर्गों में छवि जैसे पैमाने शामिल होते हैं।
क्यों नहीं राज्य के संस्थान
राज्य शिक्षा संस्थानों के प्रदर्शन में पिछड़ने का सबसे बड़ू कारण यह है कि इन संस्थानों में राष्ट्रीय मानक के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर उपलू कराने पर ध्यान नहीं दिया जाता रहा है। चिकित्सा शिक्षा संस्थानों की हालत यह है कि इनकी मान्यता पर ही रह- रहकर सवाल खड़े होते रहे हैं। यही हाल तकनीकी शिक्षा संस्थानों का भी है। अगर राष्ट्रीय रैंकिंग में इन संस्थानों को लाना है तो इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार पर विशू ध्यान देना होगा। छत्तीसगढ़ ऐसा कर सकता है। इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं है सिर्फ सोच और इच्छाशक्ति चाहिए।

