रायपुर। छत्तीसगढ़ में तबादलों पर बैन जून में खुल जाएगा। इस पर आगामी कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। बैठक में नई तबादला नीति घोषित कर दी जाएगी। तीन साल से जमे अधिकारी-कर्मचारियों पर विशेष नजर रहेगी। चुनावी साल होेने के कारण विभागीय मंत्रियों को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी। दरअसल, प्रदेश के सवा चार लाख अधिकारी-कर्मचारी ट्रांसफर बैन खुलने का इंतजार कर रहे हैं। बताया गया है कि तबादलों पर लगभग दो सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे।
Transfers News: तबादला नीति में ज्यादा कुछ फेरबदल की गुंजाइश नहीं
सूत्रों की मानें तो राज्य और जिला कॉडर स्तर पर बन रही तबादला नीति में ज्यादा कुछ फेरबदल की गुंजाइश नहीं है। पिछली बार तबादला नीति विलंब से जारी होने पर अंतिम तिथि बढ़ाकर सितंबर-अक्टूबर की गई थी। इस बार चुनावी साल होने के कारण अक्टूबर तक आचार संहिता लागू होने की संभावना है।
Transfers News: बता दें कि समन्वय पर लगभग सालभर तबादले किए गए हैं। नियमत: दस फीसदी से अधिक स्टाफ को नहीं बदला जाता है। इस तरह हर साल ट्रांसफर बैन खुलने पर 35 से 40 हजार अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित होते हैं।
Transfers News: जीएडी के अधिकारियों का मानना है कि अब ज्यादातर स्थानांतरण स्वयं के व्यय पर होने पर लगे हैं। प्रशासनिक स्तर पर तबादलों की संख्या कम होती जा रही है। बताया गया है कि नियमानुसार तबादलों पर अधिकारी-कर्मचारियों को टीए-डीए व ट्रांसपोर्टिंग व्यय दिया जाता है।विभागों को इसके लिए अलग से बजट मिलता है।
Transfers News: खर्च बचाने पर भी मंथन
Transfers News: प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि खर्च बचाने के लिए औपचारिक रूप से ट्रांसफर नीति लागू करने पर भी विचार चल रहा है। किसी का स्थानांतरण उसी कार्यालय में या उसी शहर में विभाग के किसी और दफ्तर में समकक्ष पद पर कर दिया जाए। विभागों में प्रमोशन होने पर अधिकारियों-कर्मचारियों को वहीं पदस्थ किया जाए। इससे शासन को बचत हो सकती है।
Transfers News: शिक्षा विभाग के तबादले मई-जून तक
Transfers News: शिक्षा विभाग के स्थानांतरण सामान्यतया मई-जून में हो जाते हैं ताकि शिक्षा व स्टाफ नए सत्र के पहले नई जगहों पर अपना काम संभाल सकें। लेकिन वर्तमान में यह शेड्यूल बिगड़ गया है। स्टेट कॉडर के स्थानांतरण मंत्रालय से होंगे। तबादला नीति के अधीन प्रदेश व जिला कॉडर के सभी अधिकारी-कर्मचारी आएंगे।