नई दिल्ली । देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों की शिकायतों क निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई ह। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए विनियम-2023 अधिसूचित किया है, जो विनियम 2019 का स्थान लेगा।
नए नियम के तहत दाखिला संबंधी गड़बड़ी, फीस, सर्टिफिकेट वापस न करना, उत्पीड़न, परीक्षा संचालन में अनियमितता, छात्रवृति, दाखिले के लिए अलग से पैसे की मांग करना, आरक्षण नियमों का पालन न करना आदि अन्य शिकायतों पर अब 15 कार्य दिवस के तहत समिति को रिपोर्ट और 30 दिनों में निपटारा करना होगा। नए विनियम 2023 के तहत विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए समिति बनाने और लोकपाल नियुक्त करना होगा।
ये हो सकते हैं लोकपाल
लोकपाल के रूप में जिनकी नियुक्ति होगी वे पूर्व कुलपति या सेवानिवृत्त प्रोफेसर होंगे, जिन्हें विभागाध्यक्ष या डीन के रूप में काम करने का अनुभव हो। लोकपाल को पद ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए अथवा 70 वर्ष की आयु पूरी करने तक, इनमें से जो भी पहले हो नियुक्त किया जाएगा। एक और कार्यकाल के लिए पुर्ननियुक्ति के पात्र होंगे। कदाचरण, और दुव्र्यवहार के आरोपों पर विश्वविद्यालय लोकपाल को हटा सकता है।छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए एक सरलीकृत, लेकिन प्रभावी तंत्र तैयार करने के मकसद से यह विनियम-2023 लाया गया है। इस संबंध में एक पोर्टल पर सारी सूचनाएं देनी होंगी।
हर विश्वविद्यालय में शिकायत निवारण समिति का गठन होगा। इसमें अध्यक्ष एक प्रोफेसर होंगे। चार प्रोफेसर सदस्य के रूप में काम करेंगे। इसके अलावा छात्रों में से एक प्रतिनिधि होंगे। अध्यक्ष, और सदस्यों में से कम से कम एक सदस्य महिला एक पिछड़ा, और अजा, जजा से होना चाहिए। अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
नियुक्ति न होने पर अनुदान नहीं
लोकपाल को हटाने का आदेश तब तक नहीं दिया जा सकता, जब तक ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा जांच नहीं कर ली जाती है, जो हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के पद से नीचे के पद का व्यक्ति न हो, और जिसमें लोकपाल की सुनवाई के लिए उचित अवसर नहीं दिया गया। लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने पर यूजीसी विश्वविद्यालयों का अनुदान तक रोक सकती है।
अधिसूचना के मुताबिक प्रत्येक संस्थान अपने पाठ्यक्रम या अध्ययन के किसी भी कार्यक्रम में प्रवेश आरंभ करने की तिथि से कम से कम 60 दिन की समाप्ति के पूर्व अपनी वेबसाइट पर एक विवरणिका प्रकाशित करेगा। इसमें संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों और आम जनता की जानकारी के लिए सूचनाएं उपलब्ध हों। इसमें प्रत्येक पाठ्यक्रम के शिक्षण के घंटों, व्यावसायिक सत्रों और अन्य कार्य के साथ-साथ अध्ययन के कार्यक्रमों की सूची आदि भी हो। इसमें कार्यक्रम के लिए अनुमोदित सीटों की संख्या, न्यूनतम एवं अधिकतम आयु, शैक्षणिक योग्यता, आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया, परीक्षा का विवरण, शुल्क या जमा राशि की सूचना होनी चाहिए। साथ ही संस्थान के भौतिक एवं शैक्षणिक बुनियादी ढांचे, छात्रावास एवं इसके शुल्क, पुस्तकालय, चिकित्सालय, छात्रों के व्यवसायिक प्रशिक्षण सुविधा, अनुशासन बनाए रखने के निर्देश आदि का ब्यौरा भी होना चाहिए।