कॉपी किया हुआ क्रिएशन एक अपराध
डीपी विप्र लॉ कॉलेज में राष्ट्रीय सेमिनार

बिलासपुर( Fourthline)। डीपी विधि महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन । जिसमें गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान में पुस्तकालयों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में ग्वालियर से आए डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि आज के दौर में प्रोफेसर प्रमोशन के लिए और रिसर्च के लिए साहित्यिक चोरी कर रहे हैं । कॉपी करके क्रिएशन करना एक अपराध है। भारत में इन सभी चीजों के लिए अब कानूनअभी प्रभावशाली नहीं है।

सेमिनार में 70 शोध शोध पत्र प्रस्तुत किए गए और 8 विषय विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए । ग्वालियर से आए डॉ अरविंद शर्मा ने बताया इंटरनेट ने जितनी सुविधा बढ़ा दी है उतनी ही चोरी भी आसान कर दी है । यह प्लेगेरिज्म तेजी से फैल रहा है और कॉपी करके भी क्रिएशन हो रहा है। किसी दूसरे के रिसर्च को फेरबदल कर अपने नाम से प्रस्तुत करने का दौर भी चालू हो गया है।

डॉ शर्मा बताया की जेएनयू के कुलपति भी प्लेगेरिज्म में पकड़े जा चुके हैं। उन्होंने कहा देश भर में दोबारा पीएचडी की जांच की जाएगी। प्लेगेरिज्म करना मना है पर कई बार समानता हो सकती है। इस तरह की पीएचडी करने पर जांच में गलत पाए जाने पर नौकरी भी जा सकती है। किसी के विचार सब फोटो और कंटेंट आइडिया कॉपी करके इसे अपना कहना प्लेगेरिज्म कहलाता है। इसमें अब सजा का भी प्रावधान है। इस तरह की चोरी पकड़ने के लिए अब सॉफ्टवेयर भी हैं ।उन्होंने गणित के प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए बताया कि इजराइल के पेपर में डॉक्टर का नाम बदलकर उन्होंने अपना नाम दे दिया। जानकारी मिलने पर उनके खिलाफ कंप्लेंट हुई। अब वे हाईकोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं । इससे उनकी छवि भी खराब हुई।
संगोष्ठी के आखिरी दिन विधायक रजनीश सिंह भी शामिल हुए ।बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य शैलेंद्र दुबे के मुख्य आतिथ्य में राजकुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में और सुभाष मिश्रा व जीपी कौशिक के विशिष्ट आतिथ्य में कार्यक्रम का आयोजन हुआ । इसमें संबलपुर से डॉक्टर बी महाराणा , सीयू के डॉक्टर बृजेश तिवारी , आर के शर्मा, डॉ अरुण कुमार शर्मा , इंदिरा गांधी कृषि विवि रायपुर से डॉक्टर माधव पांडे ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया। साहित्यिक चोरी कर रिसर्च पेपर कैसे लिखे जाते हैं इस विषय पर विविध जानकारी दी । सेमिनार में 502 प्रतिभागी शामिल हुए । इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डॉ प्रमोद शर्मा , प्रोफेसर सुषमा तिवारी, आलोक शर्मा, संतोष ठाकुर, प्रियंका प्रगति श्रीवास्तव , श्री पटेल, नीरज दुबे, गगन उपाध्याय, ध्रुति श्रीवास्तव, पूजा ठाकुर , उमेश कोडियर , ज्योति श्रीवास्तव, नम्रता श्रवण वस्त्रकार, ज्योति दुबे, सीपी यादव रोहित डेहरिया सहित बड़ी संख्या में छात्र शोधार्थी, अध्यापक, ग्रंथपाल और प्राचार्य उपस्थित थे ।कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर धर्मेंद्र शर्मा एवं आभार प्रदर्शन डॉक्टर आरके तिवारी ने किया।

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