बलौदाबाजार।  Water crisis in the village:  छतीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के एक गांव के लोगों ने जल संकट को लेकर  पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। यहां के कसडोल ब्लॉक के ग्राम पंचायत कोट से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए किसी भी व्यक्ति ने नामांकन दाखिल नहीं किया । लोगों ने भी चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। इसके लिए गांव में बाकायदा मुनादी कराई गई है।


Water crisis in the village:  दरअसल लोग गांव के करीब चल रहे आशू क्रेशर खदान को बंद करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि खदान की गहराई बढ़ाने के साथ पूरे इलाके का पानी रसातल में पहुंच गया है। इससे पूरे गांव में जल संकट खड़ा हो गया हैं। शासन-प्रशासन से वे शिकायत करते थक गए लेकिन जिम्मेदारों ने कभी उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। गांव वालों का आरोप है कि इस मामले में जिम्मेदार अफसर खदानों के लोगों से मिलकर उनकी परेशानी को नजर अंदाज कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने चुनाव बहिष्कार के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि अफसर नेताओं की तानाशाही ने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़े खोद दी हैं।


चुनाव में में नहीं लेंगे हिस्सा


Water crisis in the village:   ग्राम पंचायत कोट के ग्रामीण अब अड़ गए हैं कि क्रशर खदान को बंद करें, वरना में लोकतंत्र के उत्सव में भागीदारी नहीं बनेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि खदान के चलते आसपास के गांव में जल स्तर घटने पर जल संकट और भूमि की उपजाऊ क्षमता में गिरावट जैसी समस्याएं आ रही हैं। कोट के ग्रामीणों ने पिछले हफ्ते पंचायत चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया। पूरे गांव में इसकी मुनादी भी कराई। प्रशासन को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, ग्रामीणों से बात करने अफसर मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने खदान को बंद करने की बात कहने की जगह खाली मान मन्नौवल की कोशिश की, ऐसे में आक्रोशित गांव के किसी भी नेता ने चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल नहीं कराया है। लोगों का कहना है कि मांग पूरी न होने तक वे चुनाव में भाग नहीं लेंगे। खदान बंद करने की मांग पर वे अडिग है।

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