रायपुर (fourthline)। तेलंगाना में 30 नवम्बर को मतदान खत्म होते ही शाम पांच बजे सभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर विभिन्न एजेंसियों के एक्जिट पोल के नतीजे आ जाएंगे। इन नतीजों को संकेत के तौर पर देखा जा सकता है कि इन राज्यों में किस-किस पार्टी की सरकारें बनने जा रही हैं। हालांकि 2018 के चुनावों में ज्यादातर एक्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों से उलट आए थे। एक-दो एजेंसियों के नतीजे वास्तविक नतीजों के आसपास जरूर थे।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कयास यही हैं कि यहां कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर है। दोनों पार्टियों में से कोई भी सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े तक पहुंच सकती है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को दो-तिहाई बहुमत मिला था। वह 90 सीटों में से 68 जीतने में कामयाब हुई थी। मतगणना 3 दिसम्बर को होने वाली है और दोपहर तक साफ हो सकता है कि राज्य में किसकी सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस का दावा है कि पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा उसकी सरकार बनने जा रही है। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस सरकार की विदाई तय है। एक्जिट पोल के नतीजों से अनुमान लगाया जा सकता है कि इन दावों में कितना दम है।

छत्तीसगढ़ में दोनों ही पार्टियों ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में एक से बढ़कर एक वादे किए हैं। राज्य  के धान उत्पादक किसान उनके घोषणा पत्र के केन्द्र में रहे हैं। केन्द्र की मोदी सरकार ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा समर्थन मूल्य से अधिक दर पर धान की सरकारी खरीदी किए जाने का विरोध किया  था। इस चुनाव में खुद भाजपा ने समर्थन मूल्य से अधिक 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया है। कांग्रेस सरकार ने  2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर धान खरीदा था। केन्द्र  के विरोध के बाद समर्थन मूल्य से अधिक जो अन्तर की राशि  थी, उसका भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अलग से किसानों को किया गया। इस चुनाव में भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र पहले आ गया था। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भाजपा से प्रति क्विंटल सौ रुपए अधिक यानी 3200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया है। यह पिछले पांच साल से कांग्रेस सरकार द्वारा दिए जा रहे मूल्य से 700 रूपए अधिक है। 

दोनों ही पार्टियों ने महिलाओं को हर महीने नकद सहायता देने का भी वादा किया है। भाजपा की सरकार बनती है वह महिलाओं को हर माह एक हजार रूपए देगी। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में तो महिलाओं के लिए ऐसी कोई घोषणा नहीं की थी , लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा के साल में 12 हजार रुपए महिलाओं को देने की घोषणा के जवाब में 15 हजार रुपए देने का ऐलान किया था। चुनाव घोषणा पत्र की लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस के वादे भाजपा के वादे से कहीं अधिक लुभावने नजर आते हैं। अब देखना होगा कि वोटरों ने किसके वादे पर अधिक भरोसा किया है। 3 दिसंबर को ही वोटरों का फैसला सामने आएगा।

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