नई दिल्ली । दिल्ली के ​कथित आबकारी घोटाला में मामले में दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम एवं आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया की याचिका को खारिज कर दिया है। कई घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि किसी भी मामले में सीधे सुप्रीम कोर्ट आना ठीक नहीं है। कोर्ट ने सिसोदिया को हाईकोर्ट जाने को कहा है।


दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। सीबीआई उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश कर 5 दिन की रिमांड की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। इस मामले में सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।


इस मामले में आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किया। आप कार्यकर्ता ने दिल्ली से लखनऊ, भोपाल-नागपुर तक देशभर में सड़कों पर उतरकर केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


क्या हैं आरोप

रिपोर्ट्स में CBI सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पिछले साल 19 अगस्त को CBI ने दिल्ली एक्साइज डिपार्टमेंट की छानबीन की। वहां से एक डिजिटल डिवाइस सीज की गई। इस डिवाइस से CBI को पता चला कि लिकर पॉलिसी का एक दस्तावेज एक ऐसे सिस्टम को भेजा गया था, जो एक्साइज डिपार्टमेंट के नेटवर्क में था ही नहीं।


Deputy CM Manish Sisodia’s plea rejected in Supreme Court: इसके बाद CBI ने एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाया। उस अफसर ने एक सिस्टम की जानकारी दी, जिसे एजेंसी ने इस साल 14 जनवरी को सिसोदिया के दफ्तर से जब्त किया। इस सिस्टम की ज्यादातर फाइल्स डिलीट कर दी गई थीं, लेकिन अपनी फोरेंसिक टीम की मदद से CBI ने ये डेटा हासिल कर लिया। फोरेंसिक जांच में पता चला की दस्तावेज बाहर से बना और वॉट्सऐप पर रिसीव किया गया।

Previous articleजेएसपी को सीएसआर जर्नल एक्सीलेंस अवार्ड , दिव्यांगजनों के खास शैक्षिक कार्यक्रम “आशा द होप ” के लिए मिला सम्मान
Next articleसरगुजा में बढ़ा हाथियों का आतंक, एक ही दिन हमले की अलग – अलग घटनाओं में 2 की ली जान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here