रायपुर। छत्तीसगढ़ और झारखंड में शराब के धंधे में बड़ा खेल करने वाले अफसर अरुणपति त्रिपाठी और उनके सहयोगी सिद्धार्थ सिंघानिया पर ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कभी भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। हालात भांपकर त्रिपाठी लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। वहीं ईडी ने झारखंड के 2 बड़े अफसरों को पूछताछ के लिए रायपुर तलब किया है।

ईडी के अलावा झारखंड सरकार अपने राजस्व घाटे वसूली के लिए त्रिपाठी और उनकी टीम पर दबाव बना रही है। घाटा 400 करोड़ से ज्यादा का बताया जाता है। यही कारण है कि त्रिपाठी कल लंबी छुट्टी पर चले गये। उनकी जगह आबकारी विभाग के अपर आयुक्त राकेश कुमार मंडावी को छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन के एमडी का प्रभार सौंपा गया है।


इधर, ईडी ने झारखंड आबकारी विभाग के सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे और डायरेक्टर करण सत्यार्थी को पूछताछ के लिये रायपुर तलब किया है। दोनों अफसर मंगलवार को हाजिर हो सकते हैं। ईडी दोनों अफसरों से यह जानना चाहती है कि झारखंड में शराब बिक्री की पॉलिसी में त्रिपाठी व सिंघानिया की क्या भूमिका रही है? दरअसल झारखंड सरकार ने पिछले साल एक्साइज की नई पॉलिसी लागू की थी और इसे जमीन पर उतारने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के साथ करार करते हुए उसे बतौर कंसल्टेंट नियुक्त किया था। ईडी की ने झारखंड के अफसरों से इस करार के बारे में अपना पक्ष रखने को कहा है। साथ ही प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिये शराब दुकानें चलाने में हुये खेल पर भी जवाब तलब किया जाएगा।

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