यह भी कहा – अपने वादे भूल गई भूपेश सरकार
बिलासपुर( Fourthline )। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने वादे भूल गई है। उन्होंने घोषणा पत्र में कहा था कि कलेक्टर दर पर भुगतान किया जाएगा लेकिन आज तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हालत दयनीय है। सड़क की लड़ाई जारी रहेगी।

आज प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के प्रांतीय संयोजक देवेंद्र पटेल और जिला शाखा अध्यक्ष भारती मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2018 में अपने घोषणापत्र में कहा था हमारी सरकार आएगी तो कलेक्टर दर पर मानदेय और नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन करेंगे यह बात समय-समय पर सरकार को याद दिलाई जाती रही लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फलस्वरूप छोटे बड़े सभी 8 संगठनो ने मिलकर 30 दिसंबर को शासन को सूचित किया था कि आंदोलन किया जाएगा इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने के कारण प्रदेश के 46660 आंगनबाड़ी और 5814 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में 23 जनवरी से काम ठप है। श्रीमती मिश्रा ने कहा कि सिर्फ जीने लायक वेतन बुढ़ापे का सहारा और सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन के अलावा हमारी और कोई मांग नहीं है उन्होंने बताया की राजधानी में धरना स्थल में बैठने की जगह भी नहीं दी गई इसलिए अलग-अलग जिलों में बिना टेंट माइक धूप में पेड़ के नीचे बैठकर आंदोलन किया जा रहा है। श्री पटेल ने कहा मांगों की पूर्ति के बजाय दमनकारी नीति अपनाई जा रही है। सेवा में वापस आने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है और उन्हें सेवा से पृथक करने की धमकी भी दी जा रही है उन्होंने कहा मांगे पूरी नहीं होती हैं तो विधानसभा का घेराव किया जाएगा गौरतलब है देश में आईसीडीएस की स्थापना 1974 में हुई है तब से अभी तक केंद्र सरकार से 4500 और 2000 राज्य सरकार से कुल 6500 रूपए मिल रहे हैं। इसी तरह सहायिकाओं को 2225 केंद्र से और 1000 राज्य सरकार से कुल 3225 मानदेय प्राप्त हो रहा है किसी भी स्थिति में जीने लायक वेतन नहीं कहा जा सकता।

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