जबलपुर। Gold reserves found: अपनी सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा के लिए मशहूर मध्य प्रदेश का जबलपुर काफी सुर्खियों में है। जबलपुर के सिहोरा तहसील के महंगवा केवलारी क्षेत्र में भू-वैज्ञानिकों ने एक विशाल सोने के भंडार की खोज की है। यह खोज भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की टीम द्वारा कई वर्षों की मेहनत और मिट्टी के नमूनों के रासायनिक विश्लेषण के बाद सामने आई है। लगभग 100 हेक्टेयर में फैले इस क्षेत्र में लाखों टन सोना होने का अनुमान है, जो मध्य भारत की सबसे बड़ी खनिज खोजों में से एक हो सकती है।
Gold reserves found: भू-वैज्ञानिकों की टीम ने महंगवा केवलारी में मिट्टी और चट्टानों के सैंपल की स्टडी की। रासायनिक परीक्षणों में न केवल सोने की मौजूदगी की पुष्टि हुई, बल्कि तांबा और अन्य कीमती धातुओं के अंश भी मिले। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह क्षेत्र पहले से ही लौह अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट और संगमरमर जैसे खनिजों के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन सोने की खोज ने इसकी महत्ता को और बढ़ा दिया है।
Gold reserves found: वैज्ञानिकों के चेहरों पर इस खोज ने नई चमक ला दी है और वे इसे मध्य प्रदेश के आर्थिक भविष्य के लिए गेम-चेंजर मान रहे हैं। जबलपुर पहले से ही 42 खदानों के साथ खनन गतिविधियों का केंद्र रहा है, जहां से लौह अयस्क चीन सहित कई देशों में निर्यात किया जाता है। अब सोने के भंडार की खोज ने इस क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर और आकर्षक बना दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह भंडार आर्थिक रूप से व्यवहार्य साबित होता है, तो जल्द ही व्यावसायिक खनन शुरू हो सकता है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं।
Gold reserves found: यह खोज न केवल जबलपुर, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक हो सकती है। पहले पन्ना की हीरे की खदानों ने मध्य प्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर जगह दिलाई थी और अब जबलपुर का सोना इसे और चमका सकता है। हालांकि, अगला कदम इस भंडार की मात्रा और खनन की संभावनाओं का विस्तृत अध्ययन करना होगा। यदि सब कुछ योजना के अनुरूप हुआ, तो यह खोज मध्य प्रदेश को खनिज संपदा के मामले में देश का एक नया सितारा बना सकता है।

