सार्थक संवाद मिशन की
स्वतंत्रता दिवस पर गोष्ठी
अम्बिकापुर ,(fourthline)। सार्थक संवाद मिशन द्वारा स्वतंत्रता दिवस की 76 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक गोष्ठी का आयोजन स्थानीय अलंकार ग्रीन के सभागार में किया गया।“आज़ादी के 76 वर्ष और राष्ट्र की चुनौतियां ” विषय पर साहित्य ,कला समाजसेवा, व्यापार, शासकीय सेवा जैसे क्षेत्र से जुड़े लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। इनमें शिक्षक, प्रोफ़ेसर , वकील, महिलाएं भी शामिल थे ।
कार्यक्रम के शुरू में संस्था के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर त्रिपाठी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि हमे जागरूक तो रहना ही है बल्कि अपनी उपस्थिति भी जतानी चाहिए। इसलिये इस संस्था के माध्यम से हम आपस में चर्चा करें और आमजन तक समस्या के निदान की बात पहुंचाएं। इस दिशा में हमें नैतिकता और ईमानदारी बरक़रार रखनी होगी ।
गोष्ठी का संचालन करते हुये जितेंद्र सिंह सोढी ने कहा कि महाभारत में हस्तिनापुर के पतन का मुख्य कारण राज्य की संस्थाओं का कार्य न कर पाना था। अपना काम सुचारु रुप से नहीं कर पाने के कारण लोग ग़लत का विरोध नहीं कर पा रहे थे ।यही स्थिति लगभग हमारे देश में भी हो गयी है , जो आज की सबसे बड़ी चुनौती है।
वरिष्ठ लेखक व चिन्तक तपन बैनर्जी ने कहा कि मेरी राय से भले ही कोई सहमत हो या न हो लेकिन हम लोकशाही और राजशाही में अंतर स्पष्ट नही कर पा रहे हैं ।आज भी राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पति जनता के विकास में खर्च होने की बजाय व्यक्तिगत विलासिता में खर्च की जा रही है।शहर के वरिष्ठ साहित्यकार व संपादक विजय गुप्त ने कहा कि आज के हालातों पर जो चर्चा हम यहाँ कर रहे हैं , उसे आम जनता तक ले जाना होगा। राजनीति को समझना होगा तभी हम उसका प्रतिकार कर सकते हैं। प्रभु नारायण वर्मा ने कहा कि इस चर्चा को लगातार जारी रखना चाहिये। गोष्ठी में डा.एस के श्रीवास्तव, मनजीत कौर, सामाजिक कार्यकर्ता त्रिभुवन सिंह, श्री तोमर, पेंशनर संगठन के अनन्त सिन्हा, रेहाना फ़ाउंडेशन के जावेद, रेलवे के किरण सिन्हा, एनसीसी संगठन के देवराज सिंह ,शिक्षक नीरज़ वर्मा ने भी अपने विचार रखे।
समिति के युवा सदस्य चरणप्रीत सिंह ने अपने बचपन के शांत और प्यारे दिनों को याद किया और आज के सांप्रदायिक माहौल पर चिंता व्यक्त की। फ़ादर निर्दोष एक्का ने बच्चों की शिक्षा प्रणाली को रचनात्मक बनाने की बात कही। प्रीतपाल सिंह ने 15 अगस्त पर एक कविता प्रस्तुत की। गोष्ठी में अजीत कौर,राजेश मिश्र ,कृष्णानन्द तिवारी ,गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार रघुबीर सिंह छाबड़ा, गुरमीत कौर, टी जे सिंह , डा पी एन सिंह ने भी गोष्ठी में मौजूद थे।
अंत में बेद प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण तो हुआ है पर अभी भी आजादी अधूरी है,जब तक निम्न वर्ग व मेहनत कशों को उनका पूरा हक़ न मिल जाए। शहीदों व क्रांतिकारियों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद गोष्ठी समापन किया गया।

