प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा – मानदेय रोकने, बर्खास्तगी का निर्णय दमनकारी
रायपुर । आम आदमी पार्टी ने महिला बाल विकास विभाग के उस आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है जिसमें अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ओन व सहायिकाओं को 48 घंटे के भीतर काम पर नहीं लौटने की स्थिति में मानदेय रोकने और सेवा से बर्खास्त कर देने की चेतावनी दी गई है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि यह आदेश आंदोलनकारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने की प्रशासनिक दादागिरी है। अब छत्तीसगढ़ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, की बजाय बेटी भगाओ पर तूल गई है। प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार बनने के बाद से कलेक्टर दर पर वेतन का भुगतान, आंगनबाड़ी सहायिकाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों पर पदोन्नति तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को महिला बाल विकास में रिक्त महिला पर्यवेक्षक के पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति देने की मांग करती आ रही हैं । कांग्रेस की जन घोषणा समिति के संयोजक टी एस सिंहदेव ने उन्हें आश्वस्त किया था कि उनकी सरकार बनेगी तो उनकी ये मांगों पूरी की जाएंगी। आज अल्प वेतन में जन्म से मृत्यु तक 16 प्रकार के कार्य आंगनबाड़ी की ये महिलाएं कर रहीं हैं, लेकिन सरकार लगातार इनका शोषण कर रही है।
आंदोलनकारी महिलाएं पूरे प्रदेश में धरना दे रही हैं। ये नारे लगा रही हैं कि ना वेतन है ना पेंशन है दुनिया भर का टेंशन है। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि आंदोलनकारी नारी शक्तियों का सम्मान करते हुए चर्चा के माध्यम से इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सहायिकाओं की मांगों का हल निकालें।