प्रलेस की गोष्ठी में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अजय अनुरागी ने सुनाई व्यंग्य रचनाएं
बिलासपुर । सांडत्व पूर्ति के लिए निकला सांड किसी की नहीं सुनता। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अजय अनुरागी ने आज प्रगतिशील लेखक संघ की गोष्ठी में दो नेता और दो सांड के माध्यम से अपनी व्यंग्य रचना में नेताओं की जमकर खिंचाई की। उन्होंने नेताओं को दो भागों में विभाजित किया राष्ट्रीय सांड और बहुराष्ट्रीय सांड एक अन्य व्यंग रचना में उन्होंने कवि और आलोचक के बीच फंसी मुर्गी के माध्यम से प्रकाशकों की व्यथा उजागर की। एक कवि और एक आलोचक के बीच चल रहे द्वंद को एक दूसरे लघु व्यंग्य में उजागर किया जहां दोनों बड़े कवि और आलोचक दोनों को एक कमरे में रुकवा दिया जाता है उसके बाद साहित्य को आईसीयू में भर्ती करना पड़ता है। इवनिंग टाइम्स परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में रफीक खान ने भी कविताएं सुनाई।अनुपस्थित उपस्थिति शीर्षक से उनकी कविता में साथ छोड़ गए मित्र को याद किया बात बात में आता है वह याद पर अब वह नहीं आता पंक्तियां काफ़ी मार्मिक रही। विशाल झा ने होली के उल्लास पर प्रभावी कविता सुनाई।
मुस्ताक मकवाना ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की जिसमें अब सलाई पर नहीं चलती उंगलियां इस रचना में रेडीमेड कपड़ों के जरिए दूर होती रिश्तो की गर्माहट का चित्रण था, अब घर के बने स्वेटर लगभग बंद हो गए हैं दूसरी रचना पर उन्होंने सीमेंट और लोहे के जंगल की भयावह स्थिति बताएं जब पिघल पिघल कर घरों का लोहा सड़कों पर फैल जाएगा। तीसरी रचना तानाशाह और बगावत पर आधारित थी।
सह सचिव अशोक शिरोडे ने प्रेम पर कविता कविता सुनाई जो वैलेंटाइन डे से संदर्भित थी। नथमल शर्मा ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की जिसमें पहली सुनो चिड़िया थीं,जिसमें संदेश था कि अब दाने के लिए जाल में ना फंसना बल्कि पूरा जाल ही लेकर उड़ जाना । दूसरी कविता प्रेम पर आधारित थी कि पूछती रही तुम परिभाषा प्रेम की और मैं भाषा से परे ढूंढता रहा प्रेम। एक अन्य रचना में उन्होंने राजनीति में प्रेम कैसे हो सकता है,उस पर डिठौना लगाने की बात थी। इसके अलावा उन्होंने अपनी प्रसिद्ध कविता समुद्र भी सुनाई और लाल सूरज कविता का पाठ किया।
अतुल कांत खरे ने व्यंग्य रचना उंगली करण संस्कार का पठन किया जिसमें समाज में बढ़ रही उंगली बाजी की आदत का हास्य पूर्ण चित्रण था। यह रचना सराही गई। द्वारिका प्रसाद अग्रवाल में कैंसर पर आधारित एक बेहद मार्मिक कविता प्रस्तुत की।
डॉ अशोक शिरोडे ने डॉ अजय अनुरागी के बारे में बताया कि जयपुर (राजस्थान) प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष है। उनकी बहुत सी रचनाएं और किताबें प्रकाशित हुई हैं।
कार्यक्रम में सत्यभामा अवस्थी,द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, लालबाबू खान विशाल झा, जितेंद्र पटेल आसिफ भाभा सहित बहुत से साहित्यकार उपस्थित थे।आभार प्रदर्शन मुश्ताक मकवाना ने किया।