नई दिल्ली। Bharat is our country:  दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा है कि वह संविधान में संशोधन करने और ‘इंडिया’ शब्द के स्थान पर ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ का इस्तेमाल करने के लिए अभ्यावेदन पर विचार करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का शीघ्रता से अनुपालन करे।


Bharat is our country: हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि वह 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित उस आदेश का शीघ्र अनुपालन करे, जिसमें देश का नाम बदलकर इंडिया से भारत करने के निर्देश की मांग करने वाली याचिका को अभ्यावेदन माना जाए। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति भी दे दी।
Bharat is our country: इसमें कहा गया कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 प्रत्येक नागरिक को अपने देश को भारत कहने का समान अधिकार देता है।याचिका में तर्क दिया गया कि अंग्रेजी नाम “इंडिया” देश की संस्कृति और परंपरा का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसका नाम बदलकर भारत करने से नागरिकों को औपनिवेशिक बोझ से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
Bharat is our country: तत्कालीन मसौदा संविधान के अनुच्छेद 1 पर 1948 की संविधान सभा की बहस का हवाला देते हुए, याचिका में कहा गया है कि उस समय भी देश का नाम ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ रखने के पक्ष में ‘‘तेज लहर’’ थी।इसमें कहा गया है , हालांकि, अब देश को उसके मूल और प्रामाणिक नाम, यानी ‘भारत’ से पहचानने का समय आ गया है, खासकर तब जब हमारे शहरों का नाम बदला गया है, ताकि उनकी पहचान भारतीय लोकाचार से की जा सके।

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