हृदेश केशरी
बिलासपुर। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय का कहना है कि भाजपा में
व्यक्ति महत्वपूर्ण हो गया है पार्टी पीछे चली गई। छत्तीसगढ़ में भाजपा नई नियुक्तियों में उनकी बातों को चरितार्थ करने में लगी हुई है । पार्टी में नई नियुक्तियां भी इसी आधार पर हो रही हैं। पार्टी ने हाल ही में अपने युवा संगठन के लिए प्रदेश सह प्रभारी उसे बना दिया जिससे पार्टी में लोगों को तरह-तरह की शिकायतें रही हैं।


बिलासपुर के नेता सुशांत शुक्ला को भारतीय युवा मोर्चा का प्रदेश सह प्रभारी के रूप में नियुक्ति लोग पचा नहीं पा रहे हैं।सुशांत पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लग चुका है। कहा जा रहा है कि यह तो ऐसा ही है कि पार्टी के खिलाफ काम करो और पद पाओ। सुशांत पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री के साथ हाथापाई और गाली गलौज का आरोप भी था। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद के खिलाफ अपना स्वतंत्र पैनल उतार दिया था। सुशांत शुक्ला के खिलाफ रायपुर से लेकर दिल्ली तक शिकायत की गई। परिषद के संगठन मंत्री ने धमकाने और मारपीट करने की पुलिस में रिपोर्ट तक दर्ज कराई थी । रमन सिंह सरकार में अधिकारियों को धमकाने और चंदा उगाही जैसे मामलों की शिकायत भी थी। भाजपा एक अनुशासित पार्टी कहलाती है परंतु ऐसे मामलों में भाजपा का अनुशासन कहीं दिखता नहीं है।

विवादित नेताओं को पद देकर ऐसे क्रियाकलापों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यही सब देख कर पार्टी में लोग कहने लगे हैं कि पद थैलियों से तौले जा रहे हैं। पिछली कई नियुक्तियों को लेकर भी यही सुना जा रहा है। लोग तो आने वाले चुनाव में पार्टी में पद की ही तरह टिकट भी ले आने का दावा करते घूमने लगे हैं। यह सर्वविदित है कि प्रदेश स्तर सुशांत शुक्ला को भाजपा के कई नेता पसंद नहीं करते , उसके बाद भी भाजपा युवा का प्रदेश सह प्रभारी का पद दे दिया जाता है। जाहिर है पद लेकर ऐसे लोग अपने ढंग से पार्टी को चलाने का दम भरने लगते हैं ‌। पिछले विधानसभा चुनाव में बेलतरा सीट से सुशांत शुक्ला ने भी टिकट की मांग की थी। टिकट नहीं मिलने पर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का आरोप भी लगा। भाजपा प्रत्याशी ने शिकायत भाजपा संगठन में प्रदेश स्तर पर की। 15 साल सरकार चलाने के बाद 15 सीटों पर सिमट जाने वाली भाजपा के नेताओं ने अभी भी कोई सबक नहीं लिया है। पार्टी में इस तरह की नियुक्तियों को लेकर केन्द्रीय नेताओं तक शिकायत पहुंचाई गई है।


रमन सिंह की सरकार के दौरान सुशांत शुक्ला ने यातायात पुलिस की महिला अधिकारी से बदतमीजी की थी। उस समय पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। पुलिस अधीक्षक ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी शिकायत की थी । उस समय दिलीप सिंह जूदेव बिलासपुर के सांसद थे । अपने नेता का रौब दिखाकर महिला पुलिस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार जैसे मामले सहित कई मामले वालों जब संगठन की जिम्मेदारी दी जा रही है तो समझा जा सकता है कि पार्टी को किधर ले जाने की कोशिश हो रही है ।


आसन्न चुनावों को देखते हुए इसे गंभीरता से लिए जाने की संभावना है। खबरों के मुताबिक व्यापक सहमति से अलग अपने तरीके से पद बांटने वाले नेताओं के पर भी कतरे जा सकते हैं। वे लोग जिन्होंने काम करने की बजाय चाटुकारिता करके पद हासिल किया है, उनका पद भी जा सकता है। केन्द्रीय नेताओं के दौरे के तुरन्त बाद पार्टी के कामकाज और चुनावों की तैयारी की समीक्षा होने वाली है। इसके बाद पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी। छत्तीसगढ के पार्टी नेताओं के काम करने के तरीके से पार्टी के केन्द्रीय नेता संतुष्ट नहीं हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के बिलासपुर दौरे को बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का छत्तीसगढ़ पर विशेष नजर है। श्री शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से लौटने के बाद चुनावों के लिए छत्तीसगढ़ में नई टीम तैयार करने पर अंतिम रूप से विचार होने वाला है । इस समय तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अमेरिका के दौरे से लौट आएंगे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि छत्तीसगढ़ में नेतृत्व बदलने के बाद राज्य में पार्टी में आए बदलाव के बारे में नेताओं से कैफियत पूछी जाएगी।



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