बिलासपुर । कोरोना की त्रासदी के बाद दिवाली सा ही उत्साह छठ पूजा को लेकर है। इसके लिए आयोजन समिति ने तैयारियां पूरी कर ली है। अरपा नदी स्थित छठ घाट की साफ-सफाई कर उसे आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है। 28 अक्टूबर शुक्रवार की शाम घाट में अरपा नदी की महाआरती के साथ ही चार दिवसीय पर्व की शुरुआत होगी। शुक्रवार को नहाय – खाय के साथ छठ पूजा के पहले दिन अरपा नदी की महाआरती होगी। यह सबसे कठिन व्रत में से एक है। 29 अक्टूबर को खरना और 30 अक्टूबर की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिय जाएगा। 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पूजा का समापन होगा। मुख्य रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में उत्तरप्रदेश,बिहार और झारखंड में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन अब इसे छत्तीसगढ़ में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाने लगा है। खासकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पिछले 21 वर्षो से इस पर्व ने अपनी अलग पहचान बनाई है। तोरवा पुल के पास बनाए गए घाट में छठ पर्व मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है। यहां उत्सव का माहौल नजर आता है। इस वर्ष भारी भीड़ उमड़ऩे की उम्मीद की जा रही है, जिसे लेकर पुलिस विभाग के अधिकारियों ने तोरवा छठ घाट पर छठ पूजा समिति के साथ बैठक की। एसएसपी पारूल माथुर के निर्देश पर यहां व्यवस्था की निगरानी और सुरक्षा दे के उद्देश्य से आयोजित बैठक में पुलिस प्रशासन की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जायसवाल शामिल हुए। उनके साथ सीएसपी कोतवाली पूजा कुमार, डीएसपी यातायात संजय साहू, सरकंडा थाना प्रभारी उत्तम साहू आदि भी मौजूद थे। छठ घाट पर इस बार 7 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।

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