बिलासपुर। Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शहरों में दुकानों और ई-कॉमर्स साइटों पर प्रतिबंधित चाकू और धारदार हथियारों की खुलेआम बिक्री को लेकर गंभीर चिंता जताई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने यह मामला मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान में लिया और गृह सचिव से अपनी ओर से क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस बारे में शपथ-पत्र मांगा है।
Chhattisgarh High Court: कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि खुले आम मिलने वाले ये हथियार सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। न्यायालय ने कहा कि मामूली विवाद भी आसानी से खतरनाक घटना में बदल रहे हैं और चाकुओं की आसान उपलब्धता इसका बड़ा कारण बनती है। अदालत ने राज्य से यह बताने को कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और शहर की दुकानों पर ऐसे हथियारों की बिक्री रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
Chhattisgarh High Court: सुनवाई दौरान जानकारी दी गई कि स्थानीय पुलिस और संबंधित एजेंसियों ने जगह-जगह से चाकू और धारदार हथियार जब्त किए हैं और कुछ मामलों में कार्रवाई भी हुई है। अदालत ने ई-कॉमर्स साइटों के जरिए होने वाली बिक्री पर विशेष ध्यान रखने को कहा और राज्य से तत्काल स्पष्ट रिपोर्ट मांगी कि किस तरह ऑनलाइन बिक्री को रोका या नियंत्रित किया जा रहा है।
Chhattisgarh High Court: बेंच ने कहा कि हाल के महीनों में छत्तीसगढ़, खासकर बिलासपुर में चाकूबाजी से जुड़ी घटनाएँ बढ़ी हैं और यही वजह है कि कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। अदालत ने राज्य से सितंबर तक नया हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि प्रतिबंधित चाकुओं की बिक्री रोकने के लिए क्या नीतिगत व कार्यात्मक कदम उठाये गए हैं। हाईकोर्ट ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि यदि राज्य ने ठोस कार्रवाई की तो अदालत आगे के निर्देश दे सकती है।

