रायपुर। Direct voting for mayor: छत्तीसगढ़ में अब मेयर चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में बदलाव की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके अनुसार अब जनता को सीधे तौर पर मेयर चुनने का अधिकार मिलेगा। यह बदलाव प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद लागू किया गया है। भाजपा सरकार ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी थी, जिसके बाद अधिसूचना जारी की गई है।

Direct voting for mayor: 2018 में कांग्रेस की सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में संशोधन किया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्षदों को मेयर चुनने का अधिकार दिया था। इससे पहले छत्तीसगढ़ की जनता प्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर का चुनाव करती थी। कांग्रेस के इस बदलाव का उस समय भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध किया था। अब प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद यह नियम वापस पहले की तरह कर दिया गया है, जिससे जनता को मेयर चुनने का अधिकार दोबारा मिला है।

दिग्विजय सिंह ने दिया था जनता को अधिकार

Direct voting for mayor:  मध्यप्रदेश शासन के दौरान 1999 में कांग्रेस के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मेयर चुनने का अधिकार जनता को दिया था। छत्तीसगढ़ बनने के बाद भी यह व्यवस्था जारी रही, जिससे 2018 तक जनता ही मेयर का चुनाव करती थी। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इसमें संशोधन कर पार्षदों को मेयर चुनने का अधिकार दे दिया गया था। भाजपा की सरकार बनने के बाद इस नियम में पुनः बदलाव करते हुए जनता के हाथ में मेयर चुनाव का अधिकार सौंपा गया है।

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