विक्रम सिंह ठाकुर
बिलासपुर । गरीबों के राशन में हर महीने लाखों का बट्टा लगाया जा रहा है। महीने के स्टाक का घोषणा पत्र आनलाइन जमा कराने के नाम पर दुकान संचालकों से दो से तीन हजार की वसूली हो रही है। स्टाक घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर आवंटन रूक जाने का डर इस अवैध वसूली की वजह बन गया है।दुकान संचालक रूपए देकर स्टाक का घोषणा पत्र जमा करा रहे है उसकी भरपाई गरीबों के राशन में गड़बड़ी के जरिए की जा रही है।
प्रदेश में संचालित पीडीएस दुकानों से घोषणा पत्र के नाम पर खाद्य विभाग में हर महीने लाखों रुपए की अवैध वसूली हो रही है।छत्तीसगढ़ में इस समय करीब साढ़े बारह हजार पीडीएस दुकानें संचालित हैं। बिलासपुर जिले में दुकानों की संख्या साढ़े सात सौ है । दुकान संचालकों से हर महीना घोषणा पत्र ऑनलाइन भरवाया जाता है , जिसमें उन्हें महीने के स्टाक की जानकारी देनी होती है। घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर आवंटन रूकने का डर होता है।इसी एवज में दो से तीन हजार उनसे वसूल किए जा रहे हैं। घोषणा पत्र दुकान संचालक कहीं से भी आनलाइन जमा कर सकते हैं, लेकिन खाद्य विभाग के अधीन ऐसी व्यवस्था बना ली गई है, रूपए वसूल किए जा सकें।

जानकारों के अनुसार अकेले बिलासपुर जिले में हर महीने बीस लाख रुपए की वसूली हो रही है। पीडीएस दुकान संचालक खाद्य विभाग की मनमानी से परेशान है ।वे इसका विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि ऐसा करने पर दुकान उनके हाथ से छीन ली जा सकती है।इसी डर से ऑनलाइन घोषणा पत्र के नाम पर दो से तीन हजार रुपए हर महीने दे रहे हैं। वर्ष 2015 तक रजिस्टर में ही राशन वितरण का हिसाब किताब रखा जाता था । बाद में इसे ऑनलाइन जमा करना जरूरी कर दिया गया। हर महीने दुकान संचालकों को वितरण और स्टाक जानकारी ऑनलाइन जमा करनी पड़ती है। यह काम दुकान संचालक कहीं से भी कर सकते हैं लेकिन खाद्य निरीक्षकों के द्वारा आईडी नहीं दी जाती। घोषणा पत्र भरने के लिए जगह निश्चित कर दी गई है। घोषणा पत्र ऑनलाइन वहीं से जमा किया जा सकता है।इसके लिए दुकान के लिए निर्धारित राशन के कोटे के हिसाब से दो से तीन हजार रुपए की रकम तय कर दी गई है।

तय रकम जमा करने पर ही घोषणा पत्र स्वीकार्य


जिले के शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालन करने वालों से घोषणा पत्र आनलाइन जमा करने के नाम पर हो रही वसूली के बारे में पूछने पर दुकान संचालकों ने नाम नहीं छापने की शर्त रखी और बताया कि हमें हर महीना वितरण और स्टॉक बताने के लिए ऑनलाइन घोषणा पत्र जमा करना पड़ता है। हम खाद्य विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई जगह पर घोषणा पत्र के साथ रूपए जमा कर देते हैं। ऐसा लम्बे समय से चला आ रहा है। कई दुकान संचालकों को यह मालूम भी है कि घोषणा पत्र वे कहीं से भी आनलाइन जमा कर सकते हैं पर वे खाद्य विभाग की व्यवस्था के खिलाफ जाकर दुकान नहीं चला सकते। खाद्य विभाग के निरीक्षकों द्वारा अपने मातहतों से ही घोषणा पत्र आनलाइन जमा करने दबाव बनाया जाता है ।इस तरह पीडीएस दुकान संचालन हर महीने घोषणापत्र आनलाइन जमा करने के नाम पर के नाम पर दो से तीन हजार देने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं।आखिर वे ये रूपए कहां से लाएंगे, खाद्य विभाग की इस व्यवस्था में गरीबों को ही बट्टा लगाया जा रहा है।

जांच कराएंगे, कार्रवाई होगी

घोषणा पत्र दुकान संचालकों से हर महीना ऑनलाइन जमा कराया जाता है। इसके नाम पर यदि किसी प्रकार की वसूली हो रही है तो इसकी जांच कराएंगे और उचित कार्रवाई की जाएगी।

टोपेश्वर वर्मा
खाद्य सचिव
छत्तीसगढ़ शासन

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