सुरक्षा से समृद्वि – एसईसीएल में 58वीं द्विपक्षीय सुरक्षा समिति की बैठक
बिलासपुर । एसईसीएल प्रशासनिक भवन के सीएमडी सभागार में 58वीं द्विपक्षीय सुरक्षा समिति की बैठक का आयोजन विशिष्ट अतिथि निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल एवं निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी] क्षेत्रीय महाप्रबंधकों (द्वारा वीसी)] विभागाध्यक्षों एवं एसईसीएल सुरक्षा समिति के सदस्यों की उपस्थिति में किया गया। बैठक का शुभारंभ सुरक्षा दीप प्रज्जवलन से शुरू हुआ। तदोपरांत पिछली बैठक से लेकर इस बैठक के दरमियान कोयला उत्पादन में लगे उन श्रमवीरों जिन्होंने वीरगति को प्राप्त किया, उन्हें दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में कोल इण्डिया कारपोरेट गीत बजाया गया । तत्पश्चात समस्त उपस्थितों द्वारा सुरक्षा शपथ लिया गया। बैठक में महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं बचाव) बी.पी. सिंह द्वारा सभी आगन्तुकों का पुष्पगुच्छ व पुस्तक भेंट कर स्वागत किया गया।

इस अवसर पर अपने उदबोधन में निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के.पाल ने कहा कि आज सदन से प्राप्त सुझावों पर चिन्तन करना आवश्यक है। उन्होंने आव्हान करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य शून्य दुर्घटना दर होना चाहिए । खनन गतिविधियों के लिए एक स्थापित नियम होता है, जिसका पालन कर हम खान दुर्घटना को रोक सकते हैं। कोयला उद्योग में तकनीक के प्रसार से खान दुर्घटना में कमी आई है।

निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी ने आग्रह किया कि हम सभी को शून्य दुर्घटना लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा मे हर संभव प्रयास करना होगा। उन्होने सुरक्षा मानको व उपायों के संबंध में जागरूकता के प्रसार का भी आव्हान किया।

बैठक में एसईसीएल सुरक्षा समिति के सदस्य आनंद मिश्रा (एचएमएस)] श्री बी. धर्माराव (एटक)] श्री इंद्रदेव चौहान (सीटू)] संजय सिंह (बीएसएस)] कमलेश शर्मा (इंटक) एवं अजय पंडित (सीएमओएआई) ने खान सुरक्षा मानकों व संबंधित विषयों पर अपने विचार रखे। बैठक में पावरप्वाईंट के माध्यम से सुरक्षा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। बैठक में श्रमशक्ति] सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता] प्रशिक्षण] सुरक्षा संबंधी जागरूकता में बढ़ोत्तरी] खान निरीक्षण सहित खान सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।

अंत में निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के.पाल ने बैठक के सफल आयोजन पर महाप्रबंधक (खान सुरक्षा/बचाव) व उनकी टीम को धन्यवाद दिया । आयोजन में महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं बचाव) बी.पी. सिंह व उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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