कोलकाता के कॉल सेंटर का मुख्य संचालक और उसकी पत्नी सहित 5 गिरफ्तार
पहली रेड में गिरफ्त में आए थे कॉल सेंटर में कार्यरत 22 युवक युवती, सभी के बैंक अकाउंट कराये गये होल्ड
रायगढ़। देश के कई हिस्सों में टावर लगाने के नाम व बैंक के काम करने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले अन्तरर्राज्यीय गिरोह के मुख्य सरगना सहित पांच लोगों को रायगढ़ पुलिस ने साइबर सेल की मदद से पश्चिम बंगाल के कोलकाता से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी ग्राफिक्स डिज़ाइनर है जी वजह से फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनाने में वह माहिर है। पुलिस ने पूर्व में इस गिरोह के 22 सदस्यों को गिरफ्तार कर रायगढ लाया गया था, जिनमें 14 युवतियां व 8 युवक शामिल थे। फर्जी कॉल सेंटर चला कर पति पत्नी देश के अलग अलग राज्यो में ठगी का काम कर रहे थे। इस तरह पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने में पुलिस को सफलता मिली है।इससे पहले पुलिस टीम लगातार झारखंड, बिहार सहित अन्य प्रदेश में भी इनके नेटवर्क पर नजर रख रही थी।
रायगढ जिले के पुसौर थाना क्षेत्र में टावर लगाने के नाम पर एक किसान से ऑनलाइन ठगी करने का मामला सामने आया था।जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की जांच के दौरान सायबर सेल को जानकारी मिली कि कोलकाता में एक कॉल सेंटर से इस तरह ठगी का कारोबार हो रहा है। पुलिस की टीम ने झारखंड के जामताड़ा सहित कई जगहों के हर फर्जीवाड़े के नेटवर्क पर नजर रखने के बाद पश्चिम बंगाल कोलकाता के दमदम हवाई अड्डे से लगे इलाके में दबिश देकर इस गिरोह के संचालित बड़े फर्जी कॉल सेंटर से शुरुवात में 8 युवकों को गिरफ्तार किया गया था वही एक सप्ताह बाद 14 युवतियां जो इस गिरोह के कॉल सेंटर में काम करती थी उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था। लगातार जांच के बाद गिरोह का मास्टर माइंड मुख्य सरगना वरुण सिंह व उसकी पत्नी सलोनी जो पूरे गिरोह को संचालित कर रहे थे वे फरार हो गये थे। इनके साथ तीन अन्य लोग भी फरार थे।
पुलिस ने मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने लगातार नज़र रख रही थी और आरोपियों की बेटी के स्कूल पर नज़र रखी गयी जिससे आरोपी वरुण उसकी पत्नी सलोनी व दो अन्य लोग को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली। पुलिस ने मुख्य सरगना वरुण सिंह उसकी पत्नी सलोनी व वरुण का भाई रजनीश एवम उसकी पत्नी मधु सहित एक अन्य सहयोगी असीमा रॉय को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया गया है।
रायगढ़ एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि ठगों का सरगना वरुण सिंह पूर्व में एक फर्जी कंपनी में ही ग्राफिक्स डिजाइनर का काम करता था। उसके बाद उसने खुद का काम शुरू किया और कोलकाता में फर्जी कॉल सेंटर संचालित करते हुए ऑनलाइन ठगी के कारोबार में करोड़ो रुपय कमाये । छत्तीसगढ़ के कई जिलों सहित मध्यप्रदेश में भी इस गिरोह के खिलाफ ठगी के कई मामले दर्ज हैं। आरोपियों के पास से मोबाइल व लैपटॉप जब्त किए गए हैं।उन्होंने बताया कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे गिरोह का खत्म कर दिया गया है। वही 9 तारीख तक सभी आरोपियों को रिमांड पर पूछताछ के लिए लिया गया है।
रायगढ़ जिले की पुलिस की साइबर सेल की टीम ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए झारखंड के जामताड़ा से लेकर देश के कई हिस्सों में होने वाली आनलाइन ठगी का नेटवर्क खंगालने के बाद पहली बार सरगना सहित उसकी टीम को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।अब पुलिस इनके होल्ड किये गए बैंक अकाउंट्स की जांच कर रही है। इससे ठगी के कुछ और खुलासे होने की संभावना है।

