नवरात्र में नौ दिनों तक होता है माता के नौ रूपों का श्रृंगार 

नरेन्द्र कुमार रात्रे 

कोरबा। Goddess worship: हसदेव नदी के तट में विराजमान माता सर्वमंगला के दरबार में मनोकामना के लिए ज्योति कलश घट की स्थापना 3 अक्टूबर से की जाएगी। इस वर्ष भी यहां अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया , म्यांमार , कनाडा और सिंगापुर सहित कोरबा जिले के लोगो के द्वारा कलश स्थापित किए जा रहे हैं।

Goddess worship: हसदेव नदी के तट में विराजमान माता सर्वमंगला के दरबार में इस नवरात्रि भी माता के नौ रूपों के विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इस नवरात्रि अभी तक छै हजार तेल और पांच सौ घृत ज्योति कलश मनोकामना पूर्ति हेतु रसीद कट चुकी है। मंदिर के प्रबंधक और पुजारी नमन कुमार पाण्डेय (नन्हा) ने कहा की जो भी भक्त माता के दरबार में मनोकामना पूर्ति हेतु ज्योति कलश स्थापना करना चाहते है मंदिर परिसर में आकर रसीद कटा सकते है। इसके अलावा अन्य सहयोगी संस्थान से भी ज्योत के लिए रसीद कटा सकते है। 

Goddess worship: इस वर्ष भी नौ हजार से भी अधिक मनोकामना पूर्ति हेतु ज्योति कलश स्थापित किए जा सकते है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। ज्योति कलश स्थापना के लिए मंदिर परिषर में पूरी तैयारी कर ली गई है। पानी बरसात और धूप से बचने के लिए मंदिर में डोम लगाई गई है जिससे श्रद्धालु को किसी प्रकार की दिक्कत और परेशानी ना हो। 

 विदेशी भक्तों के भी ज्योत

Goddess worship: मंदिर के प्रबंधक और पुजारी नमन ने बताया की माता के दरबार में कोरबा जिले के लोगो की बड़ी आस्था है। इसके अलावा विदेशो से भी माता के दरबार में भारत के निवासी जो विदेश में रहते है उनके द्वारा भी मनोकामना पूर्ति हेतु ज्योति कलश की स्थापना की गई है। जिसमे सात समुंदर पार अमेरिका से दो , ऑस्ट्रेलिया से तीन, म्यांमार से दो और सिंगापुर से एक व्यक्ति ने अभी तक माता के दरबार में आस्था रखी है। 

मंदिर में नौ दिनों तक भंडारा

Goddess worship:  मंदिर के पुजारी नमन कुमार पाण्डेय ने कहा की नौ दिनों तक माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस नौ दिनों तक माता के दरबार में माता के नौ रूपों का श्रृंगार किया जाता है। पूरे नौ दिनों तक मंदिर में लोगो के द्वारा भंडारा किया जाता है। सभी श्रद्धालु मंदिर परिसर में आयोजित रात्रि में भागवत कथा का लाभ भी ले सकते है। 

प्रबंधक नन्हा की अपील 

Goddess worship: सर्वमंगला मंदिर परिसर में पूरे नौ दिनों तक माता के दरबार में लोगो की भीड़ लगी रहती है। भीड़ को देखते हुए उन्होंने लोगो से अपील की है की वे सोने चांदी के महंगे आभूषण पहनकर मंदिर परिसर में ना आएं। इस दौरान उन्होंने लोगो से भीड़ में अपने समान और सोने चांदी के आभूषण की जिम्मेदारी स्वयं लेने की अपील की है।

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