अम्बिकापुर। Heartbreaking incident: मां घर का दरवाजा बाहर से बंद करके गई थी और चार से आठ साल के तीन बदनसीब बच्चे सो रहे थे। देर रात घर में आग लग गई। आठ साल सरगुजा जिले के मैनपाट में बड़ा हादसा होकी बड़ी बहन ने अपने दो छोटे भाई-बहन के साथ  खुद को बचाने की कोशिश की , लेकिन कोई रास्ता नहीं था। तीनों जिंदा जल गए। तीनों के शवों के अवशेष आपस में लिपटे हुए मिले। बड़ी बहन जैसे दोनों को समेटे हुए हो।

Heartbreaking incident: सरगुजा जिले के मैनपाट में कल रात दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। घर में सो रहे तीन बच्चे जिंदा जल गए। बच्चों की मां घर का दरवाजा बाहर से बंद कर पड़ोस में चल रही पार्टी में गई थी। जब वह लौटी तो कच्चे घर को आग से घिरा पाया। जानकारी के मुताबिक, मैनपाट के ग्राम बरिमा, पकरीपारा में शनिवार रात करीब 12 से एक बजे के बीच देवप्रसाद माझी के कच्चे मकान में अचानक आग की लपटें उठने लगीं। आस पड़ोस के लोग आग बुझाने की कोशिश कर पाते, इससे पहले ही पूरा घर आग की लपटों  से घिर गया। सुबह तीनों बच्चों के शवों के अवशेष मिले । आशंका है कि घर के चूल्हे से ही आग लगी। सुबह सिर्फ मिट्टी की दीवारें बची थी।

आपस में लिपटे हुए मिले तीनों बच्चों के शव

Heartbreaking incident: घटनास्थल में तीनों बच्चों के शवों  के अवशेष आपस में लिपटे हुए मिले। अनुमान लगाया जा रहा है कि तीनों बच्चों ने आग लगने के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण वे नहीं भाग सके। बड़ी बहन गुलाबी ने बहन सुषमा और भाई रामप्रसाद को समेट लिया था। तीनों आपस में लिपटे हुए ही जल गए। इनमें गुलाबी (8), सुषमा (6), रामप्रसाद (4) शामिल हैं। बच्चों का पिता देवप्रसाद रोजगार की तलाश में पुणे गया हुआ है।

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