फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त काअभिनंदन
एवं सांस्कृतिक समारोह

बिलासपुर । अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर एवं श्लोक ध्वनि फाउंडेशन बिलासपुर द्वारा फिजी गणराज्य के भारतीय उच्चायुक्त कमलेश शशि प्रकाश के सम्मान में अभिनंदन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें शहर के शीर्ष कवियों द्वारा कविता पाठ के साथ शास्त्रीय गायन भी हुआ।
सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम के प्रारंभ किया। कुलपति प्रोफेसर एडीएन वाजपेई ने अतिथियों का सम्मान पुष्पगुच्छ देकर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अटल श्रीवास्तव अध्यक्ष पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ थे। उन्होंने कमलेश शशि प्रकाश के बिलासपुर प्रवास को ऐतिहासिक घटना बताया और कहा कि शहर का सौभाग्य है कि फिजी की संस्कृति और इतिहास को समझने में सहायता मिली। यही भारतीय संस्कृति है।
इस मौके पर कमलेश शशि प्रकाश ने कहा कि मेरे लिए बिलासपुर प्रवास जीवन में हमेशा याद रखने वाला पल साबित हुआ है। फिजी का इतिहास भारत से जुड़ा हुआ है। वहां के लोगों का श्रम और जीवटता की बातें विस्तार से बताईं।फिजी को सबसे पहले करीब साढ़े तीन हजार साल पहले बसाया गया था। मूल निवासियों को अब ” लापिता लोग ” कहा जाता है, क्योंकि उनके द्वारा उत्पादित एक विशिष्ट प्रकार की बढ़िया मिट्टी के बर्तनों के अवशेष, जिनमें से अवशेष व्यावहारिक रूप से न्यू गिनी के पूर्व में प्रशांत के सभी द्वीपों में पाए गए हैं, हालांकि पूर्वी पोलिनेशिया में नहीं।समुद्र से उभर कर आया हुआ देश है।iTaukei (स्वदेशी फिजियन), जो 56.8% हैं, जबकि इंडो-फिजियन, जो अनुमानित 37.5% आबादी बनाते हैं। अधिकांश इंडो-फिजियन हिंदू हैं (कुल आबादी का 27.9% और भारतीय समुदाय का 76%) जबकि मूल निवासी ज्यादातर ईसाई हैं।
फिलोगों में आज भी 27% हिन्दू हैं।
भारतवंशी गिरमिटियों के रग – रग में भारतीयता का भाव है। उनकी पीढ़ी जरूर बदल गई है लेकिन उनमें भारतीय संस्कृति रची बसी है।
कुलपति प्रोफेसर वाजपेई ने कमलेश शशि प्रकाश के सहज सरल स्वभाव और विश्व हिंदी सम्मेलन के संस्मरण सुनाए और उनके बिलासपुर आगमन को सभी के लिए अविस्मरणीय क्षण बताया।
विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे,एच एस होता,सौमित्र तिवारी,विकास शर्मा द्वारा कमलेश शशि प्रकाश का स्मृति चिन्ह,बुके, शाल-श्रीफल से स्वागत किया।हर्ष पाण्डेय द्वारा अभिनंदन पत्र का वाचन किया गया।
विभिन्न शहर की संस्थाओं द्वारा भी बुके साल श्रीफल से मह स्वागत किया गया जिसमें श्लोक ध्वनि फाउंडेशन,
लायंस क्लब वसुंधरा,कविता चौपाटी से,छंद शाला,प्रेस क्लब बिलासपुर, सीएमडी कॉलेज बिलासपुर छत्तीसगढ़ वरिष्ठ नागरिक संघ,अनुभव पत्रिका,स्पीक मैके छत्तीसगढ़, अरपाअर्पण, छत्तीसगढ़ साइंस सेंटर आदर्श कला मंदिर बिलासपुर आदि प्रमुख है। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।

कविता पाठ के क्रम में रामकुमार तिवारी अध्यक्ष श्रीकांत वर्मा पीठ बिलासपुर , डॉक्टर संजय अलंग संभागायुक्त बिलासपुर, सतीश जायसवाल वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्रोफेसर ए डी एन वाजपेई ने अपनी प्रतिनिधि रचनाएं पढ़ी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

इसके पश्चात शहर की गायिका श्रुति प्रभला द्वारा शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी गई।जिसमें उन्होंने ठुमरी सहित विभिन्न रागों में अपनी सुमधुर शास्त्रीय तान छेड़ी जिसे दर्शकों ने हाथों हाथ लिया और खूब सुना।महामहिम ने उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम का प्रभावी संचालन शगुप्ता परवीन,श्रीकुमार पाण्डेय और सुमित शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में रश्मि लता मिश्रा डॉ सुनीता मिश्रा अजय श्रीवास्तव देवधर महंत जेडी पटेल मनीष सक्सेना,पूर्णिमा तिवारी,विपुल तिवारी,विकास राजपूत,रितेश नायडू,रितेश शर्मा,प्रफुल्ल शर्मा,अनिल तिवारी,सौमित्र तिवारी,प्रो कुजूर सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार शहरवासी,समाजसेवी,पत्रकार और गणमान्य जन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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