रायपुर के सांस्कृतिक भवन में होगा समारोह, देश के ख्यातिलब्ध साहित्यकार होंगे शामिल
रायपुर / बैकुंठपुर । सूत्र सम्मान वर्ष 2022 इस वर्ष कवि एवं इतिहासकार डॉ संजय अलंग को रायपुर में प्रदान किया जा रहा है. कोरिया जिले के बैकुंठपुर मे डा अलंग का छात्र जीवन बीता है ।यही कारण है कि उनका यहां की माटी से बहुत लगाव है.जिसकी खुशबू उनकी कविताओं मे महकती है.
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के कमिश्नर डॉ अलंग के लेखन में इस अंचल की बोली भाषा और संस्कृति की झलक मिलती है.जो उनकी पहचान को विशिष्ट बनाती है.
आंचलिक भाषा और बोली को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से साहित्यकार एवं रंगकर्मी विजय सिंह द्वारा विगत 25 वर्षों से जगदलपुर के हल्बी भाषा के साहित्यकार स्व. ठाकुर पूरन सिंह की स्मृति मे सूत्र सम्मान समारोह का आयोजन 25 वर्षों से किया जा रहा है.
18 फरवरी 2023 को सांस्कृतिक भवन रायपुर मे आयोजित यह विशिष्ट सम्मान समारोह दिल्ली के चर्चित साहित्यकार लीलाधर मंडलोई के आतिथ्य एवं राजस्थान के शीर्ष आलोचक राजाराम भादू की अध्यक्षता मे संपन्न होगा.
इस सम्मान समारोह में देश के प्रख्यात रचनाकार त्रिलोक महावर सुभाष मित्र, आलोचक जयप्रकाश, के साथ-साथ श्रीकांत वर्मा सृजन पीठ के अध्यक्ष राम कुमार तिवारी और चर्चित कवि प्रतापराव कदम, नासिर अहमद सिकंदर एवं गिरीश पंकज की विशिष्ट भागीदारी रहेगी. डॉ. संजय अलंग की कविताओं पर समीक्षात्मक वक्तव्य शरद कोकास दुर्ग रजत कृष्ण एवं अजय चंद्रवंशी कवर्धा द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा.
द्वितीय सत्र में आयोजित साहित्यकार सम्मेलन एवं काव्य पाठ कार्यक्रम प्रख्यात कथाकार एवं कवि सतीश जायसवाल के आतिथ्य एवं ईश्वर सिंह दोस्त की अध्यक्षता में समपन्न होगा . जिसमें देशभर के रचनाकार अपनी प्रतिनिधि कविताओं का
पाठ करेंगे. इस विशिष्टसम्मान समारोह में मनेंद्रगढ़ एवं कोरिया जिले के साहित्यकार वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, गौरव अग्रवाल, श्रीमती अनामिका चक्रवर्ती, सारिका श्रीवास्तव, पुष्कर तिवारी, रूद्र नारायण मिश्र, एवं योगेश गुप्ता, नेसार नाज अपनी कविताओं की प्रस्तुति के साथ इस अंचल का प्रतिनिधित्व करेंगे.
देश के चर्चित संचालक आमोद श्रीवास्तव एवं प्रखर सिंह के संचालन की उंचाइयों के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में रंगकर्मी शैलेंद्र कुशवाहा के निर्देशन में उनके सहयोगी कलाकारों द्वारा डॉ अलंग की कविताओं की एकल नाट्य मंचन की प्रस्तुति जहां इस कार्यक्रम को विशिष्टता प्रदान करेगी, वहीं कविता एवं रंगमंच की कलात्मक जुगलबंदी की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र होगी।