लखनऊ। राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए देशभर में भक्ति और उत्साह का माहौल है। देश के कोने-कोने में राम भक्ति की लहर दौड़ रही है। राम भक्ति सिर्फ आस्था नहीं अब अर्थव्यवस्था से जुड़ गई है। रामनगरी अयोध्या सिर्फ आस्था और धर्म का केंद्र नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था का नया केंद्र बनने जा रहा है। राम मंदिर निर्माण से अयोध्या का कल्याण तो हुआ ही, साथ ही साथ उत्तर प्रदेश सरकार को राजस्व का भी बड़ा फायदा होने वाला है।
22 जनवरी को पूरे देश में भव्य कार्यक्रमों की तैयारी जोरों पर है। इससे छोटे-बड़े कारोबारियों को भी खूब फायदा हो रहा है। लोग जमकर झंडे, फूल, पूजा सामग्री, मिठाइयों और दीयों की खरीदारी कर रहे हैं
टेंट और हलवाई की भी एडवांस बुकिंग हो चुकी हैं। कारोबारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट (CAIT) की माने तो देशभर के व्यापारियों को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस हो चुका है। व्यापारी संगठनों ने 22 जनवरी को खास बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।
Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही अयोध्या के कारोबार के साथ-साथ वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। राम मंदिर के निर्माण से अयोध्या की अर्थव्यवस्था के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के खजाने में भी इजाफा होगा। अयोध्या में कारोबार और टूरिज्म के बढ़ने से यूपी सरकार के राजस्केव में बढ़ोतरी होगी. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से फाइनेंशियल ईयर 2025 में उत्तर प्रदेश को 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होने का अनुमान है। SBI के रिसर्चर्स ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में विस्तार से लिखा है।
Ayodhya Ram Mandir: यूपी सरकार के बजट के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2024 में सरकार का टैक्स रेवेन्यू 2.5 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर बनने से उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या और पर्यटकों द्वारा खर्च में बढ़ोतरी होगी। साल 2022 की तुलना में साल 2024 में उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों द्वारा किया गया खर्च करीब दोगुना हो सकता है। उत्तर प्रदेश में टूरिस्ट स्पेंडिंग यानी पर्यटकों द्वारा किया गया खर्च 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा, जो साल 2022 में 2.2 लाख करोड़ रुपये था। ये आंकड़े घरेलू पर्यटकों के हैं। अगर विदेशी टूरिस्टों की बात करें तो साल 2022 में विदेशी पर्यटकों ने 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे।