बिलासपुर (Fourthline)। आज अनुसंधान खोज अविष्कार और नवाचार शिक्षा की नई परिभाषा लिख रहे हैं। अटल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्नातक छात्र जीवन के नए चरण में प्रवेश करेंगे जो कठिन होगा। कड़ी मेहनत, संघर्ष और चुनौतियां लगातार आपकी परीक्षा लेती हैं और सफलता के लिए आप को बेहतर बनाती हैं।
विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में 2015 से पंजीकृत 208 शोधार्थियों में से 2 को 9 साल में पीएचडी की उपाधि दी गई। अंग्रेजी में शालिनी पांडे और गणित में हेमलाल राठौर को उपाधि दी गई। इसके अलावा एमए समाजशास्त्र में 64 वर्षीय डॉक्टर राजकुमार शर्मा को स्वर्ण पदक मिला। डॉ शर्मा का यह छठा स्वर्ण पदक है।
मानद उपाधि मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि ,-उच्चायुक्त
फिजी के उच्चायुक्त कमलेश शशि प्रकाश ने कहा यह मानद उपाधि मेरे जीवन भर की उपलब्धि है। विश्वविद्यालय राष्ट्र निर्माण में सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है विद्यार्थियों को सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए । पूरे समय पढ़ाई पर फोकस होना चाहिए। कुलपति बाजपेई ने कहा कि स्वयं की बिल्डिंग में पहली बार दीक्षांत हुआ है पहली बार और टॉप टेन छात्रों को बुलाया गया। यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जहां छत्तीसगढ़ी में नोटशीट लिखी जाती है।
मंच पर प्रभारी कुलसचिव शैलेंद्र दुबे, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, संसदीय सचिव रश्मि सिंह भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने सबसे पहले 75 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया। इसके बाद 3 पौधे रोपे। कुलाधिपति ने मानद उपाधि डॉ पुष्पा दीक्षित और फिजी के उच्चायोग प्रकाश को दी। दीक्षांत में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल नहीं पहुंच पाए।