हृदेश केशरी

बिलासपुर । इस खबर में लगी तस्वीर को गौर से देखिए। यह तस्वीर नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तज्ञथ चल रहे नाली निर्माण का है। मजदूर नाली की विल की ढलाई के लिए सरिया बांध रहे हैं। तस्वीर में देखा जा सकता जा सकता है कि एक सरिया से दूसरी सरिया की दूरी कितनी है। अगर इतनी दूर+दूर सरिया लगाकर ढलाई कर दी गई तो यह नाली कितनी टिकाऊ होगी अनुमान लगाया जा सकता है।

स्थानीय सत्यम टॉकीज रोड पर नाली निर्माण का यह कार्य चल रहा है। ठेकेदार द्वारा अपनी कमाई के लिए सरिया बचाने की कोशिश की जा रही है। टेण्डर की शर्तों के मुताबिक सरिया 6-6 इंच की दूरी में लगाई जानी चाहिए , यहां ठेकेदार द्वारा दो दो फीट की दूरी पर लगाई जा रही है। तस्वीरों में यह देखा जा सकता है। कम लोहा लगाकर नाली निर्माण में कमाई देखी जा रही है। दो-दो फीट की दूरी पर लोहा लगाकर जाल बनाया जा रहा है । निगम के अधिकारी या इंजीनियर साइट पर कार्य की देखरेख के लिए मौजूद नजर नहीं आते। पूरे शहर में नाली निर्माण में यही चल रहा है ।

स्मार्ट सिटी के तहत शहर में नाली निर्माण कराया जा रहा है । अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत में घटिया कार्य करके कमाई बढ़ाने का यह तरीका इस्तेमाल में लाया गया है। निगम के उच्च अधिकारी साइट में पहुंचकर अपनी ड्यूटी की खानापूर्ति कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें कार्य की गुणवत्ता से कोई लेना देना नहीं है। आम लोग इस निर्माण कार्य को देख रहे हैं और निगम की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह उठा रहे हैं ।इस तरह भी जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है।

जलभराव इस शहर की एक बड़ी समस्या है। जैसे तैसे होने वाले नाली निर्माण के कारण ही शहर के लोगों को इस समस्या दो चार होना पड़ रहा है। खस्ताहाल नालियों से पानी की निकासी नहीं होती है अधिकारी इसका कोई हल नहीं निकाला सके। हर साल बारिश में लोग परेशान होते हैं। नाली का पानी घरों में घुसता है।

शहर के विकास पर हर साल खर्च हो रहे हैं। निर्माण के घटिया स्तर के कारण एक ही कार्य बार बार कराना पड़ रहा है और पैसा बहाया जा रहा है। नाली हो या सड़क एक ही कार्य 10 बार किया जाता है । समझ लीजिए गुणवत्ता क्या है । लोगों में इस तरह के विकास कार्य को लेकर आक्रोश दिखाई देता है परंतु ठेकेदार और अधिकारियों पर इसका असर होता हुआ नजर नहीं आता।

जांच कराएंगे, कड़ी कार्रवाई होगी
निर्माण कार्य में मानक के अनुसार लोहे का इस्तेमाल ठेकेदार द्वारा नहीं किया जाना बड़ा गंभीर मामला है। मौके पर इसकी जांच कराई जाएगी । इसके लिए ठेकेदार और अधिकारी के खिलाफ कड़ू कार्रवाई की जाएगी । निर्माण कार्य में गुणवंता से किसी प्रकार के समझौता किया जाएगा l
कुणाल दुदावत
आयुक्त, नगर निगम बिलासपुर

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