रायपुर । बिलासपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने कमाल कर दिया है। इन्होंने गेहूं की ऐसी किस्म विकसित की है , जो न केवल अधिक उत्पादन देगा बल्कि हल्का होने से उससे अधिक रोटियां बनेंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्योत्सव में बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर द्वारा अखिल भारतीय गेहूं अनुसंधान परियोजना के तहत विकसित और केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा अनुशंसित गेहूं की नई किस्म विद्या सीजी 1036 को राज्य के गेहूं उत्पादक कृषकों को समर्पित किया।
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान का कोटा, उदयपुर व उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग के लिए अनुशंसित गेहूं का यह किस्म कम पानी में अधिक उत्पादन क्षमता देने वाली है । इसका चपाती गुणवत्ता सूचकांक 8.5 एवं औसत उत्पादकता 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस अवसर पर कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, अधिष्ठाता डॉ. आर.के.एस. तिवारी, डॉ. अजय प्रकाश अग्रवाल वैज्ञानिक पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी व डॉ. दिनेश पांडे वैज्ञानिक सस्य विज्ञान बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर उपस्थित थे।
इस गेंहू से अधिक रोटियां
वैज्ञानिकों के मुताबिक कम पानी में अधिक उत्पादन विद्या सीजी 1036 के साथ अच्छी रोटी वनने के लिए सर्वोत्तम गुण है। इसका चपाती गुणवत्ता सूचकांक 8.5/10 है। उच्च हेक्टोलीटर वजन 83.5 किलो/हेक्टोलीटर है। दाना चमकदार मोटा वजनी होता है, एक हजार दानों का वजन 47 ग्राम आता है, इस गेहूं से ज्यादा रोटियां बनती हैं। गेहूं के काले व भूरे रतुवा के लिए प्रतिरोधक एवं करनाल बंट कम लगता है।

