रायपुर। Vishnudev Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होगा। इस समय सरकार छह माह के अपने कार्यकाल की समीक्षा में लगी हुई है। मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी देखा जा रहा है। सरकार के कामकाज पर दिल्ली की भी नजर है। समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री का दिल्ली प्रवास हो सकता है और वे सरकार के आगे के कामकाज पर नेताओं से परामर्श कर सकते हैं।
Vishnudev Cabinet Expansion: विधानसभा चुनावों में बंपर जीत के साथ विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा की छत्तीसगढ़ में सरकार बनी थी। कई चुनावी वादों को पूरा कर सरकार ने जनता का विश्वास जीतने की कोशिश भी की है । इस बीच लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई और शासन-प्रशासन चुनावों में व्यस्त हो गया। इन चुनावों में राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें जीतकर भाजपा ने जता दिया कि लोगों का भाजपा और उसकी सरकार पर विश्वास बढ़ा है। सत्ता और संगठन दोनों को जनता के इस विश्वास को बनाए रखना ही नहीं, इसे और मजबूत बनाने के लिए जनकल्याण के कार्यक्रमों और नीतियों को आगे लेकर जाना है। मंत्रिमंडल विस्तार में इस बात पर खास फोकस होगा।
Vishnudev Cabinet Expansion: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सत्ता और संगठन में तालमेल बिठाकर चलने वाले राजनेता हैं। उनकी इस छवि का लाभ पार्टी को लोकसभा चुनावों में भी मिला है। इससे पार्टी के साथ ही देश में भी उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी है। अब आगे उन्हें सरकार की लोक कल्याणकारी छवि की नई छाप छोड़नी है, जिसकी तैयारी में वे लगे हुए हैं। सरकार के छह माह के कामकाज की अपने स्तर पर समीक्षा इसी का ही हिस्सा है। छह माह तक मंत्रिमंडल में मंत्री का एक पद खाली ही रह गया। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सांसद निर्वाचित होने के बाद मंत्री का एक और पद रिक्त हो रहा है। मुख्यमंत्री जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। सरकार के कामकाज की समीक्षा के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में फेरबदल की जरूरत भी महसूस हो सकती है। कुछ मंत्रियों के कामकाज के बारे में दिल्ली की रिपोर्ट अच्छी नहीं है। ऐसे मंत्रियों को विदाई दी जा सकती है।
Vishnudev Cabinet Expansion: ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रियों के दो रिक्त पदों के अलावा दो-तीन मौजूदा मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इन चेहरों में पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेता हो सकते हैं। इसका लाभ यह होगा कि प्रशासन पर सरकार की पकड़ मजबूत होगी और कामकाज में कसावट लाई जा सकेगी। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भरतपुर-सोनहत सीट से विधायक रेणुका सिंह का नाम सबसे आगे है। मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल रहीं रेणुका सिंह को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। राजस्थान की तरह उपमुख्यमंत्रियों में एक महिला का फार्मूला अपनाया जा सकता है।
Vishnudev Cabinet Expansion: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अम्बिकापुर चुनावी दौरे के दौरान उनके और रेणुका सिंह के बीच लंबी गुफ्तगू होते सबने देखा था। इससे भी इन चर्चाओं को बल मिला है। केन्द्रीय और प्रदेश की राजनीति में रेणुका सिंह के महत्व को समझा जा सकता है। केन्द्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने सफल कार्यकाल पूरा किया। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भरतपुर सोनहत की सीट को जब कांग्रेस की लिहाज से सबसे सुरक्षित समझा जा रहा था, केन्द्रीय नेतृत्व ने उन्हें वहां से उम्मीदवार बनाया और सीट जीतने में वह सफल रहीं। यही नहीं लोकसभा चुनावों में झारखंड में गोड्डा लोकसभा सीट की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी, उनके चुनाव संचालन में वहां से पार्टी प्रत्याशी निशिकांत दुबे की जीत हुई।
Vishnudev Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल विस्तार में रेणुका सिंह के अलावा और जिन सीनियर नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक भी शामिल हैं। क्षेत्रीय संतुलन की दृष्टि से एक-दो ने चेहरे लिए जा सकते हैं। बस्तर से अभी एकमात्र केदार कश्यप मंत्री हैं। प्रधानमंत्री विदेश दौरे से दिल्ली लौट आए हैं। अगले कुछ दिनों में इन चर्चाओं में और प्रगति देखने-सुनने मिल सकती है। इसी बीच मुख्यमंत्री का दिल्ली प्रवास का कार्यक्रम भी बन सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार और सरकार के कामकाज की समीक्षा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की राय महत्वपूर्ण होगी। दिल्ली में छत्तीसगढ़ की जो रिपोर्ट है, उस पर भी मुख्यमंत्री की राय ली जाएगी और उसी के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार की आगे की रूपरेखा बनेगी।

