वाड्रफनगर । गुजरात के खेड़ा जिले के महमदवाद तालुका के सुंधा-वांसोल गांव में भीड़ के हमले में जान गंवाने वाला श्रमिक रामकेश्वर खैरवार (30 वर्ष ) बलरामपुर – रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर ब्लाक के हरिगंवा का रहने वाला था। उसके परिवार के लोग घटना की खबर पाकर गुजरात के लिए रवाना हो गए हैं। परिवार को शासन- प्रशासन से किसी मदद की कोई जानकारी नहीं है।
घटना सोमवार की है जब गुजरात के गांव में भीड़ के हमले में रामकेश्वर खैरवार की जान चली गई। बुधवार शाम तक किसी को यहां तक कि बलरामपुर पुलिस को भी कोई जानकारी नहीं थी। मीडिया में खबर आने के बाद पुलिस ने श्रमिक रामकेश्वर खैरवार के बारे में पता करने की कोशिश की। पता चला कि वह वाड्रफनगर ब्लॉक के हरिगंवा का रहने वाला था। इसी ब्लांक के मढ़ना गांव में उसकी ससुराल है। उसने ससुराल में ही अपना घर बनवा लिया था। पत्नी और तीन बच्चों के साथ वह इसी गांव में रहता था।
16 मार्च को वह घर से गुजरात के लिए निकला था। वह पहले भी वहां जाकर मेट्रो रेल के काम में मजदूरी कर चुका था। उसकी मजदूरी के करीब ढाई हजार रुपए बकाया थे, जिसे लेने वहां गया था। बताया जा रहा है कि मजदूरी के रूपए ठेकेदार से लेने के बाद वह घर लौटने की तैयारी में था कि भीड़ के हमले का शिकार हो गया। वह गुजराती नहीं जानता था और भीड़ ने बाहरी और चोर समझकर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।
इस घटना ने रोजी- रोटी की तलाश में घरबार छोड़कर दूसरे प्रदेशों में जाने वाले लोगों की खैर- खबर रखने की व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। मीडिया में खबर आने के बाद जब प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से घटना और श्रमिक के परिवार के बारे में जानने की कोशिश की गई तो पता चला उसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। मीडिया की खबर के बाद उसके परिवार की सुध लेने की कोशिश की गई तब चला कि उसके परिवार के लोग उसका शव लाने गुजरात निकल गए हैं।