टीआई ने उसके दो साल के बच्चे
को गोद में उठाकर खुद दी मुखाग्नि
मनेन्द्रगढ़ । अपनों ने जब छोड़ दिया तो मनेन्द्रगढ़ पुलिस ने न केवल एक मजदूर युवक के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की वरन खुद कोतवाली प्रभारी सचिन सिंह ने मृत युवक के दो वर्षीय अबोध बालक को गोद में लेकर चिता को मुखाग्नि दी। पुलिसकर्मियों ने ही अंतिम संस्कार की बाकी प्रक्रिया पूरी की।
कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है। कुछ ऐसा ही मनेन्द्रगढ़ में हुआ। एक मजदूर का अंतिम संस्कार पुलिसकर्मियों ने मिलजुलकर किया। दरअसल, ग्वालियर के रहने वाले निक्की वाल्मीकि और कोरबा की रहने वाली सविता ने अंतर्जातीय विवाह किया था। इससे नाराज होकर दोनों परिजनों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया था। दोनों दंपती पहले मनेन्द्रगढ़ में और उसके बाद रायपुर में मजदूरी करते थे।
मंगलवार को निक्की की तबीयत खराब हो गई। जहां दोनों काम करते थे, वहां के मालिक ने एक वाहन से दोनों को मनेंद्रगढ़ भेजा, लेकिन रास्ते में ही निक्की की मौत हो गई। ड्राइवर ने निक्की और उसकी पत्नी को बिलासपुर रतनपुर के पास सड़क किनारे उतार दिया और वहां से वाहन लेकर चला गया। आसपास के ग्रामीणों की मदद से किसी तरह सविता अपने पति के शव को लेकर अस्पताल पहुंची, जहां से पोस्टमार्टम के बाद एम्बुलेंस से शव मनेन्द्रगढ़ लेकर आई। रात्रि लगभग 9:00 बजे एंबुलेंस के पास खड़ी थी तभी पुलिसकर्मियों ने उसे देखा और उससे पूछताछ की। सविता ने बताया कि उसके पति की मृत्यु हो गई है और उसके पास अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था नहीं है। थाना प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक को घटना से अवगत कराया और आज बुधवार की सुबह मुक्तिधाम मनेंद्रगढ़ में मृत युवक का अंतिम संस्कार पुलिस के सहयोग से किया गया।

