रायपुर / जगदलपुर । छत्तीसगढ़ के 43 हजार संविदा कर्मी तीन जुलाई से हड़ताल पर जा रहे हैं। कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। पिछले महीने नियमितीकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में रथ यात्रा भी निकाली थी और जिले के कलेक्टरों व विधायकों को ज्ञापन तक सौंपा था। इसके बाद भी शासन की ओर से कोई निर्णय नहीं लिये जाने के कारण विवश होकर अब हड़ताल की घोषणा कर दी है। आगामी हड़ताल को लेकर कर्मचारियों नेताओं ने आज कई जिलों में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। कर्मचारियों का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणापत्र में नियमितीकरण का वायदा किया था , लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं किया है । छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले उक्त आंदोलन कि घोषणा की गई है। इस घोषणा के पहले कर्मचारियों ने तीन हजार किलोमीटर की रथयात्रा निकाली थी और सभी 33 जिलों के कलेक्टर को ज्ञापन सौपा था। सर्व संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि सरकार ने संविदा कर्मचारियों से 2018 के चुनाव के जनघोषण पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में नियमितिकरण का वादा किया था। इसे सरकार बनने के बाद पूरा न करना गैर लोकतांत्रिक आचरण है।
दूसरी तरफ महासंघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा और अशोक कुर्रे ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता के अलावा राज्य सरकार के मुखिया के नाते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की बात तो स्वीकारते हैं किन्तु आज तक उस पर अमल नहीं किया जाना दुर्भाग्यजनक है।