बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आईपीएस मुकेश गुप्ता की पदोन्नति निरस्त करने के राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया है। सरकार ने कैट और सिंगल बेंच के आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी थी। इस महीने की शुरूआत में चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने अंतिम सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। ज्ञात हो कि आर्थिक अनियमितताओं के आरोप में पिछले तीन साल से मुकेश गुप्ता निलंबित चल रहे हैं। पूर्व में भाजपा शासनकाल के दौरान सन् 2018 में उन्हें पदोन्नत कर अतिरिक्त महानिदेशक से महानिदेशक बना दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस की सरकार बनने के बाद शिकायतों को आधार बनाकर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किए गए थे। इसके अलावा सरकार ने 26 सितंबर 2019 को उनकी पदोन्नति का आदेश निरस्त कर दिया।
पदोन्नति निरस्त करने के खिलाफ गुप्ता ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) में अपील की थी। कैट ने उनके पक्ष में निर्णय दिया था और पदोन्नति निरस्त करने के आदेश को रद्द कर दिया। कैट के आदेश के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसकी सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। बेंच ने मुकेश गुप्ता के पक्ष में आदेश देते हुए कैट के आदेश को सही ठहराया। राज्य सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की। डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कैट के आदेश पर स्थगन दे दिया था। इसमें दोनों पक्षों की सुनवाई 6 सितंबर को पूरी होने के बाद डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने इस पर आदेश जारी किया और कैट के आदेश को निरस्त करते हुए राज्य शासन के पक्ष में फैसला दिया।