सरकार से जवाब का इंतजार, नेजल वैक्सीन मुफ्त मिलेगी या पैसे देने होंगे तय नहीं
बिलासपुर( fourthline )। जिले में अब तक nesal वैक्सीन का डोज नहीं पहुंचा है सीएमएचओ ने 50 हजार मांगे हैं लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। कोरोना से बचाव के लिए तैयारियों को परखने के लिए की गई माकड्रिल में जो कमियां पाई गईं थीं , उन्हें भी दुरुस्त करने की कोशिश शुरू नहीं हो पाई।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान बीएफ 7 से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी पूरी तैयारी होने का दावा कर रहा है लेकिन प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब नहीं होने के चलते इस वेरिएंट का पता लगाना आसान नहीं है। अब एक-एक रिपोर्ट के लिए कम से कम 15 दिन इंतजार करना पड़ेगा। 15 दिन तक कोरोनावायरस की पुष्टि करना संभव नहीं है।
डॉ अनिल श्रीवास्तव ने fourthline को बताया कि अभी कोई केस नहीं है और रेंडम सैंपल को ही जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाता है। इंजेक्टेबल वैक्सीन की जगह अब लोगों को नेज़ल वैक्सीन लगेगी। इसके लिए आदेश आ गए हैं, लेकिन पेंच फंसता नजर आ रहा है । दरअसल वैक्सीनेशन का रेट तय नहीं किया गया है और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। निजी अस्पतालों में भुगतान करके इसे व्यक्ति को लगवाना होगा जिसके आसार लग रहे हैं। निजी अस्पताल मनमानी करेंगे। सिम्स से मिली जानकारी के अनुसार रोज 400 सिलेंडर तैयार करने वाला ऑक्सीजन प्लांट मौजूद है फिर भी सिम्स में बाहर से खरीदी हो रही है । निचले तल पर पृथक से ऑक्सीजन कक्ष है, यहां 100 से अधिक सिलेंडर है और मैनुअल तौर पर सप्लाई हो रही है । जिला अस्पताल में ऑक्सीजन सुविधा समुचित नहीं है। पुराना प्लांट खराब हो चुका है। कैंपस में सिलेंडर का स्टॉक रखा गया है । बहरहाल कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर लोगों में चिंता है लेकिन बिलासपुर शहर में अभी भी मास्क लगाकर चलने को लेकर लोग सजग नहीं है ।90 फ़ीसदी लोग अभी मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है, बाजारों में भीड़ है ।