• अजय गुप्ता
सूरजपुर। Zila panchayat elections: जिले की सबसे महत्वपूर्ण पंचायत की कमान एक बार फिर अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग को मिलेगी। जिला पंचायत सूरजपुर का अध्यक्ष पद अजजा महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि पिछली बार यह पद अनुसूचित जनजाति मुक्त था, लेकिन राजनीतिक समीकरणों के चलते महिला प्रत्याशी ही अध्यक्ष बनी थीं।
Zila panchayat elections: लंबे समय से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे कई पुरुष नेताओं को महिला के लिए यह पद आरक्षित होने से तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि वे काफी समय से इस पद के लिए रणनीति बना रहे थे। पिछले चुनाव में यह पद अजजा के लिए ही आरक्षित था, लेकिन मुक्त था। यानी पुरुष भी चुनाव लड़ सकते थे। इस बार महिला के लिए आरक्षित हो गया है। पिछली बार की ही तरह अजजा वर्ग के लिए मुक्त रहने की संभावना के साथ चुनावी रणनीति बना रहे भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को अपनी रणनीतियां बदलनी पड़ेगी। अब इस पद के लिए सबसे योग्य और प्रभावशाली महिला उम्मीदवार को तलाश करनी होगी।
Zila panchayat elections: जिला पंचायत की कुल 15 सीटों में से 4 सीटें अनुसूचित जनजाति (महिला) के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। दोनों दलों का लक्ष्य होगा कि सबसे मजबूत महिला प्रत्याशी को इस कुर्सी तक पहुंचाया जाए। इसके लिए संभावित नामों पर विचार-मंथन भी शुरू हो गया है।पिछले चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी।
Zila panchayat elections: इस बार भी चुनावी मुकाबला बेहद रोचक और होने की संभावना है। चूंकि वर्तमान में भाजपा सत्ता में है, इसलिए पार्टी अपने जनाधार को मजबूत करने और अधिक सीटें जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। कांग्रेस भी अपनी रणनीति में किसी मजबूत महिला उम्मीदवार को उतारने की कोशिश करेगी। दोनों की ही कोशिश रहेगी कि जिला पंचायत में अधिक से अधिक सीटें जीतकर अपनी पसंदीदा महिला नेता को अध्यक्ष पद तक पहुंचाया जाए।
जनता के मुद्दे और चुनावी माहौल
Zila panchayat elections: सूरजपुर की जनता विकास कार्यों का आकलन कर रही है। चुनाव में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जल आपूर्ति और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दे हावी रहेंगे। मतदाता यह तय करेंगे कि किस पार्टी और प्रत्याशी को समर्थन दिया जाए, ताकि उनके क्षेत्र का विकास तेजी से हो सके।जिला पंचायत के सदस्यों व अध्यक्ष की सीट के आरक्षण के घोषणा के साथ ही सूरजपुर की राजनीति गरमा गई है। संभावित उम्मीदवार अब सोशल मीडिया पर अपनी दावेदारी का प्रचार कर रहे हैं। साथ ही कई नेता जनता के बीच पहुंचकर समर्थन जुटाने में सक्रिय हो गए हैं। यह देखना होगा कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए कौन सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभरती हैं और जनता का विश्वास जीतने में सफल होती है।