• कहा- विकास कार्यों के दम पर जनता का अपार समर्थन मिलेगा
• सर्वे और चयन समिति के जरिये मजबूत प्रत्याशी उतारेगी पार्टी
सूरजपुर। Surajpur elections: पंचायत और नगर पालिका चुनावों की दस्तक के साथ ही स्थानीय विधायक भूलन सिंह मरावी भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक चुके हैं। वे हर दावेदार पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और सबसे प्रभावी एवं जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में जुटे हैं। सर्वे के माध्यम से पंचायत और नगरपालिका में मजबूत उम्मीदवारों का चयन किया जायेगा,ताकि हर वार्ड और हर पंचायत में भाजपा की जीत सुनिश्चित हो सके।


Surajpur elections:  विधायक भूलन सिंह मरावी का साफ कहना है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद सरकार ने जनहित में कई बड़े फैसले लिए हैं और चुनावी वादों को तेजी से पूरा किया है। उन्होंने दावा किया कि जनता भाजपा सरकार की नीतियों से संतुष्ट है, और इसी वजह से पंचायत व नगरपालिका चुनावों में भाजपा को अपार जनसमर्थन मिलने वाला है।हमने सरकार बनने के बाद से ही विकास को प्राथमिकता दी है। जनता ने जिस भरोसे के साथ हमें सत्ता सौंपी थी, हम उस पर पूरी तरह खरे उतरे हैं। अब हमारा लक्ष्य पंचायत और नगर पालिका चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित करना है। इसके लिए हमने मजबूत रणनीति तैयार की है और पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे।विधायक ने बताया कि भाजपा जल्द ही एक चयन समिति गठित करने जा रही है, जिसमें वरिष्ठ नेता और संगठन के पदाधिकारी शामिल होंगे। यह समिति नगर पालिका अध्यक्ष, वार्ड पार्षदों और पंचायत चुनावों के प्रत्याशियों का चयन करेगी।


Surajpur elections:  विधायक श्री मरावी ने कहा कि पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में जनता के बीच मजबूत पकड़ रखने वाले प्रत्याशियों को प्राथमिकता दी जाएगी। जातिगत और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।संगठन कार्यकर्ताओं और जनता से बेहतर संवाद रखने वाले नेताओं को तवज्जो मिलेगी।


जिले में भाजपा की पकड़ कितनी मजबूत चुनाव देंगे जवाब
Surajpur elections:  पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव भाजपा के लिए संगठन की मजबूती और सरकार के कार्यों का आकलन करने का पहला बड़ा अवसर हैं।जिले में पार्टी के नए नेतृत्व की संगठनात्मक क्षमता की भी परीक्षा होगी,यह देखना अहम होगा कि स्थानीय स्तर पर पार्टी की पकड़ कितनी मजबूत है। इधर टिकट वितरण को लेकर पार्टी के भीतर गहमागहमी तेज हो गई है। कई पुराने और नए दावेदार जोर-अजमाईस में हैं, जिससे आंतरिक कलह बढ़ सकती है। संगठन को मजबूत बनाए रखना भाजपा नेतृत्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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