बिलासपुर/रायपुर। Chinese Manjha: राजधानी रायपुर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे से 7 साल के बच्चे की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर पूछा कि प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझा बाजार में कैसे उपलब्ध हो रहा है ?
Chinese Manjha: कोर्ट ने यह भी पूछा कि इस अधिनियम का पालन क्यों नहीं करवाया जा सका। कोर्ट की सख्ती के बाद रायपुर निगम ने पतंग दुकानों में छापेमारी कर 8 बंडल चाइनीज मांझा जब्त किया है। कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक डॉक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर सभी जोनों की राजस्व टीमों ने शहर की पंतंग दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
Chinese Manjha: निरीक्षण के दौरान संतोषी नगर में दो पतंग दुकानों में 8 बंडल चाइनीज मांझा मिला। लेकिन निगम जोन 6 राजस्व विभाग की टीम ने पतंग दुकानदारों को भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए चाइनीज मांझा जब्त कर चेप्टर क्लोज कर दिया। जोन 4 की राजस्व विभाग की टीम ने सदर बाजार, सत्ती बाजार, श्याम टाकीज बूढ़ापारा की पतंग दुकानों पर छापे मारी की।
Chinese Manjha: प्रतिबंध के बाद भी चाइनीज मांझा बाजारों में खुल आम बिक रहे हैं। चाइनीज मांझा से छत्तीसगढ़ कई लोगों की जान जा चुकी अनेक लोग घायल हो चुके हैं। जबकि चाइनीज मांझा पकड़े जाने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
प्रतिबंधित है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा बनाने के लिए नाइलॉन के तार का इस्तेमाल किया जाता है। यह चीन से आता है। इसलिए इससे बने मांझे को चाइनीज मांझा कहा जाता है। चाइनीज मांझा ब्लेड की तरह धारदार होता है। इसे नाइलॉन और मेटैलिक पाउडर से तैयार किया जाता है। इस पर कांच या फिर लोहे के चूरे से धार लगाई जाने के कारण यह काफी खतरनाक हो जाता है। यह खुद को नहीं कटता है, लेकिन आसानी से दूसरे को काट सकता है। जिसके कारण लोगों की जान चली जाती है। लोग घायल होकर अस्पताल में पहुंच जाते हैं। पतंग उड़ाते समय दूसरे की पतंग काटने में आसानी के कारण लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।