रायपुर। CG liquor scam:  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में डिस्टलरी संचालकों पर शिकंजा कस सकता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भाटिया डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी, और केडिया डिस्टलरी के संचालकों को आरोपी बनाने के लिए विशेष कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

CG liquor scam: ईडी के अनुसार, अनवर ढेबर ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ मिलकर एक सिंडिकेट बनाया, जिसने आबकारी विभाग में मनचाहे अधिकारियों की नियुक्तियां की। अनवर ढेबर ने मंत्री जैसी हैसियत से विभाग में काम किया और अवैध शराब बिक्री के जरिए बड़े घोटाले  को अंजाम दिया। अरुणपति त्रिपाठी, जो घोटाले में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे, ने सरकारी शराब दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब बिक्री की योजना लागू कर दी। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, नकली होलोग्राम का इस्तेमाल और शराब बिक्री में हेरफेर कर 2019 से 2022 तक इस घोटाले को अंजाम दिया गया।

CG liquor scam: मेरठ जेल से रायपुर लाए गए मुख्य आरोपी अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से पूछताछ के बाद ईडी ने दावा किया है कि सिंडिकेट ने राज्य में अवैध शराब बिक्री को संस्थागत रूप से अंजाम दिया। त्रिपाठी ने अवैध बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 15 प्रमुख जिलों के आबकारी अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए थे। ईडी घोटाले को तीन श्रेणियों (ए, बी, सी) में विभाजित कर जांच कर रही है। नकली होलोग्राम का उपयोग, राजस्व हेरफेर, और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग, इस घोटाले के मुख्य पहलू हैं। ईडी के अनुसार, इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई और तेज की जाएगी।

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