नई दिल्ली। सोमवार को किसान नेताओं ने सरकारी एजेंसियों की ओर से पांच साल तक ‘दाल, मक्का और कपास’ की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उनका कहना है कि यह किसानों के हित में नहीं है और उन्होंने 21 फरवरी बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी कूच करने की घोषणा की है। किसान आंदोलन का आज आठवां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं।
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने हरियाणा से लगे पंजाब के शंभू बॉर्डर पर मीडिया से कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए या अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए। किसानों के साथ वार्ता के बाद, तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने दाल, मक्का और कपास सरकारी एजेंसियों की ओर से एमएसपी पर खरीदने के लिए पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव दिया था।
तीन केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय की समिति ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था। इससे पहले, 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सरकार के प्रस्ताव को सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें किसानों की एमएसपी की मांग को ‘‘भटकाने और कमजोर करने’’ की कोशिश की गई है और वे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसित एमएसपी के लिए ‘सी -2 प्लस 50 प्रतिशत’ फूर्मला से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘‘हम 21 फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे दिल्ली के लिए शांतिपूर्वक कूच करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को अब निर्णय लेना चाहिए, और उन्हें लगता है कि आगे चर्चा की कोई जरूरत नहीं है। वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने की वजह बताते हुए कहा कि हमें प्रस्ताव में कुछ भी नहीं मिला।

