10 ग्राम पंचायतों का चयन, सरपंच व मितानिनों को दिया गया प्रशिक्षण
बिलासपुर (Fourthline )। तंबाकू मुक्त जिला बनाने के लिए चयनित 10 ग्राम पंचायतों को गत दिवस प्रशिक्षण दिया गया ।कोटपा अधिनियम के प्रावधान एवं राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत लागू की गई नीतियों की बारीकियां सरपंचों और मितानिनों को बताई गईं।
छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम मुंगेली जिले को तंबाकू मुक्त जिला बनाए जाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला स्तरीय ग्राम पंचायतों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें 10 ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव और मितानिन शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष अक्टूबर में राज्य में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहली बार ग्रामसभा के झंडे में तंबाकू मुक्त ग्राम पंचायत विषय को शामिल किया गया था ।इसके साथ ही कोटपा अधिनियम 2003 के विषय पर ग्राम चर्चा आयोजित की गई।
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ देवेंद्र पैकरा ने Fourthline को बताया कि जिला नोडल अधिकारी डॉ कमलेश और कार्यक्रम प्रबंधक गिरीश कुर्रे के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें मितानिन ग्राम सरपंच सचिवों को तंबाकू उत्पाद नियंत्रित करने स्कूल और सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू खरीद बिक्री निषेध होने तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विज्ञापनों के प्रतिबंधित होने के संबंध में विस्तार से बताया गया ।
डॉक्टर खैरवार ने Fourthline को बताया कि जिले को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए सभी प्रयास चल रहे हैं। प्रशिक्षण प्राप्त इन ग्राम पंचायतों के द्वारा कोटपा अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तंबाकू का उपयोग एक व्यावहारिक समस्या है, जिसे समुदाय की भागीदारी के माध्यम से दूर किया जा सकता है। इससे होने वाली मृत्यु को भी रोकने का प्रयास किया जा सकता है। मितानिनों को खासतौर से प्रशिक्षण दिया गया कि वह घर घर जाकर जनजागरूकता फैलाएं स्वसहायता समूह की महिलाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है और उन्हें व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जानकारी एवं जिम्मेदारी दी गई है। तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र के साइकोलॉजिस्ट ओम प्रकाश साहू एवं तकनीकी सहयोगी संस्था द यूनियन के सलाहकारों ने बताया कि कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से ग्राम स्तर पर तंबाकू नियंत्रण को प्रभावी बनाने सरपंच को जिम्मेदारी दी गई है और उन्हें स्वयं तंबाकू छोड़ने कहा गया
बच्चों में नशे की आदत खतरनाक- डॉ. श्रीवास्तव
डॉक्टर के के श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण बच्चों में गुटका तंबाकू जर्दा और बीड़ी पीने की लत तेजी से फैल रही है , जो बेहद खतरनाक है ।चौथी पांचवी में पढ़ने वाले ग्रामीण बच्चे भी तंबाकू खाने लगे हैं । बहुत से गांवों में स्थिति बहुत खतरनाक हो रही है और पालकों को पता भी नहीं चलता कि बच्चों में कब एक दूसरे को देख तंबाकू की लत पड़ गई है। इस पर बेहद सावधानी से नियंत्रण जरूरी है और आवश्यक हो गया है कि शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू बीड़ी और सिगरेट की दुकानें हटा दी जाएं।

