कोरबा। Gokulganj murder case: बहुचर्चित गोकुलगंज हत्याकांड मामले में 14 आरोपियों को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान बस्तीवासी न्यायालय परिसर में मौजूद थे। हत्यारों को सजा मिलने से परिजनों की आँखें छलक पड़ीं।
Gokulganj murder case: अपर सत्र न्यायाधीश (फ़ास्ट ट्रैक) श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियुक्तगण के द्वारा बलवा एवं हत्या जैसा जघन्य अपराध कारित किया गया । नितेश यादव से लड़ाई- झगडा मारपीट के पश्चात भी वे घटना स्थल से नहीं गये और क्षति करने के उद्देश्य से घटना स्थल पर ही उपस्थित रहे। मृतक कृष्णा यादव से आरोपीगण की कोई पूर्व रंजिश न होते हुये भी सामान्य उद्देश्य से एक राय होकर घातक हथियारों से निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने का जघन्य अपराध किया। आरोपीगण का कृत्य क्षमा योग्य प्रतीत नहीं होता। अतः अभियुक्त भुनेश्वर साहू उर्फ चिकी पाण्डेय, राहुल बेलदार, शनि यादव, संदीप यादव, जयराम सोनी उर्फ दाउ, गौतम गोड, संजू यादव, राजेन्द्र गोड, शरद बराई उर्फ चिन्ना मद्रासी, राकेश गोड, अनिकेत राजपूत उर्फ बाबू, उपदेश साहू उर्फ उदेश, ओम कुमार सारथी उर्फ भक्का, पिंटू गोड को आजीवन कारावास से दंडित किया जाता है। इस मम्मले में अतिरिक्त लोक अभियोजक रामकुमार मौर्य ने पैरवी की।
Gokulganj murder case: यह घटना 25 अगस्त 2022 की आधी रात हुई थी। गोकुलगंज में दुर्गा मंदिर के पास रहने वाले कृष्णा यादव उर्फ कुणाल 26 वर्ष की हत्या कर दी गई। उसकी चीख-पुकार सुनकर बीच बचाव के लिए बाहर निकले भाई रिंकू यादव ने पुलिस को बताया था कि रात करीब 10 बजे मोतीसागर पारा निवासी राहुल, चीकी पांडे, अनिकेत, पिंटू, राकेश नशे में चूर होकर अपने 40 से 50 साथियों के साथ पहुंचे। सभी के पास लाठी, डंडे, रॉड, तलवार, कुल्हाड़ी जैसे हथियार से लैस होकर पहुंचे और थे घर का मुख्य दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आए घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। आंगन में बंधे गाय, भैंस पर भी अपना गुस्सा उतारा। घर के लोग बाहर निकलने के लिए चीख रहे थे मगर दहशत के कारण आसपास के लोग अपने घरों से नहीं निकले।
Gokulganj murder case: इसी बीच कृष्णा यादव अपनी ड्यूटी से घर लौटा था, जिसे दरवाजे पर ही दहशतगर्दों ने हथियारों से ताबड़तोड़ हमला कर मार डाला। कृष्णा की चीख पुकार सुनकर रिंकू घर से बाहर निकला तो उसके साथ भी मारपीट की गई। घटना के दौरान गोकुलगंज का यह क्षेत्र दोनों भाई की चीख-पुकार सुनकर भी मदद करने की हिम्मत नहीं हुई। पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार पहुंचे तो उनके घर में भी तोड़फोड़ की गई। तत्कालीन कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव ने मामले में नाबालिग सहित कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

