रायपुर। Mahadev Satta App Case:  महादेव सट्टा एप  के सभी मामलों को प्रदेश सरकार ने CBI को सौंप दिया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। कांग्रेस शासनकाल में शुरू हुई महादेव सट्टा एप की जांच अब तक जारी है। यह अवैध कारोबार अब भी चल रहा है और इसके दो प्रमुख आरोपी रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

 70 एफआईआर हैं दर्ज

Mahadev Satta App Case: महादेव ऑनलाइन सट्टा के दर्ज सभी 70 प्रकरणों को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। आनलाइन सट्टेबाजी का यह कारोबार छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के दौरान उजागर हुआ था और अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टा एप मामले की जांच शुरू की थी। रायपुर में जनवरी 2024 से अब तक 80 सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदेशभर में यह आंकड़ा करीब 600 है। छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार झारखंड जैसे दूसरे राज्यों में भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की है।

EOW के पास थी जांच

Mahadev Satta App Case: भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार के आने के बाद यह मामला ईओडब्ल्यू के सुपुर्द कर दिया गया था। इसकी FIR में प्रदेश के कई बड़े नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम दर्ज हैं। मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 420, आइपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1998 की धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं।

 मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला

Mahadev Satta App Case: पूर्व में इन्हीं प्रकरणों के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया था। ईडी ने पहली गिरफ्तारी अगस्त 2023 में की थी। चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने इसे मनी लांड्रिंग से जोड़ा था। अक्टूबर 2023 में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों से पूछताछ करनी शुरू कर दी थी। इनमें पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा से पूछताछ हुई थी।

पूर्व CM का नाम भी आरोपियों में 

Mahadev Satta App Case: नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में महादेव एप मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था। वहीं नई सरकार में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर भूपेश को नामजद आरोपी बनाया है।

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