रायपुर। Teacher promotion scam: शिक्षक प्रमोशन घोटाले में फिर से अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। संभागों में दोषी अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच के तहत कार्रवाई आगे बढ़ रही है। इसके तहत शिक्षकों के बयान दर्ज कराये जा रहे हैं। बयान दर्ज कराने के दौरान आरोपी संयुक्त संचालक और अधिकारियों को भी रखा जा रहा है ताकि जरूरत पड़े तो आमने-सामने भी शिक्षक व अधिकारी को कराया जा सके।
Teacher promotion scam: सरगुजा संभाग, बिलासपुर संभाग के बाद अब रायपुर संभाग में भी शिक्षक प्रमोशन घोटाले में जांच की तारीख नियत कर दी गयी है। 500 से ज्यादा शिक्षकों के बयान दर्ज है, उसे लेकर क्रमांक के हिसाब से शिक्षकों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जा रहा है। 23 और 24 सितंबर को शिक्षक अपना बयान दर्ज करा सकते हैं। इसे लेकर रायपुर संयुक्त संचालक ने रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, बलौदाबाजार जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है कि दर्ज नामों के मुताबिक शिक्षकों को बयान दर्ज कराने भेजें।
क्या है प्रमोशन घोटाला ?
Teacher promotion scam: दरअसल शिक्षा विभाग में वन टाइम रिलेक्सशेसन के मुताबिक पदोन्नति की प्रक्रिया हुई थी। प्रमोशन को काउंसिलिंग के आधार पर किया जाना था। उसे लेकर विभाग की तरफ से निर्देश दिये गये थे। तय किया गया था कि पहले इन-इन श्रेणी में शिक्षकों को प्राथमिकता मिलेगी। स्कूल के नाम प्रदर्शित होंगे, उसके आधार शिक्षक अपने पसंद के स्कूल को चुनेंगे, जहां उन्हें पोस्टिंग मिलेगी। आरोप है कि साजिश के तहत शहरी क्षेत्र और पास के स्कूलों के नाम को काउंसिलिंग में प्रदर्शित ही नहीं किया गया।
Teacher promotion scam: आलम ये हुआ कि दूरदराज क्षेत्र के स्कूलों में प्रधान पाठक के पद पर पर शिक्षकों ने मजबूरी में अपनी सहमति दी। बाद में अधिकारियों ने खेला करते हुए पदांकन में संशोधन के नाम पर खेला कर दिया। इस दौरान शिक्षकों से लाखों रुपये लिये गये और फिर उन्हें संशोधन के नाम पर मनचाहे स्कूल में पोस्टिंग दे दी गयी। इस मामले में जेडी से लेकर डीईओ और बाबुओं की भी संलिप्तता रही। मामले की पोल खुली तो तत्कालीन सभी संयुक्त संचालक को सस्पेंड कर दिया गया। बाद में सभी हाईकोर्ट चले गए जहां उन्हें फौरी राहत मिली। अब उन सभी के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

