7 करोड़ की एक परियोजना पूरी
नहीं कर पाई यह सरकार
बिलासपुर । इस सरकार में जनता के हितों से परे केवल भ्रामक प्रचार और लुभावने वादे करके सिर्फ़ वोट की राजनीति हो रही है। विकास की कहानी तो बिलासपुर के जतिया तालाब की तरह है, जिसके संरक्षण और विकास की 7 करोड़ की परियोजना का काम तक यह सरकार पूरी नहीं कर पाई। प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में भी सरकार केवल श्रेय लेने की राजनीति कर रही है।
उक्त बातें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने विकास को तरसते बिलासपुर के अधूरे विकास की अधूरी कहानी अभियान के तहत जतिया तालाब के संरक्षण एवम संवर्धन कार्यं की वर्षो से अधूरी परियोजना के विरोध में आयोजित धरने के दौरान कही।उन्होंने कहा जतिया बाई के नाम पर इस ऐतिहासिक तालाब का नाम पड़ा। लगभग 7 से 8 एकड़ का यह तालाब आसपास के क्षेत्र और मोहल्ले के हजारों रहवासियों के लिए निस्तारी का केंद्र था। थोड़ी सी गर्मी में जल्दी सूख जाना इस तालाब की प्रकृति देखी गई। कुआं, तालाब बावड़ी हमारी संस्कृति का हिस्सा थे, बिलासपुर को तालाबों का शहर माना जाता था। तालाबों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 2016 में सरोवर धरोहर योजना के तहत 3.5 करोड़ के प्रावधान से तालाब गहरीकरण,लेवलिंग पिचिंग के कार्य हुए। 2017 में एनआईटी रायपुर और जयनारायण कमेटी के सुझाव पर जल प्रबंधन, तालाबों के रखरखाव के संबंध में मूल्यांकन विश्लेषण कराया गया। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत जातियापारा तालाब क्षेत्र के डीपीआर में 11 करोड का स्टीमेट आया था। रिवाइज कर स्मार्ट सिटी मद से लगभग सात करोड़ करोड़ की योजना बनाई गई । तालाब के चारों और पाथवे, उद्यान,तालाब के अंदर फाउंटेन, बोटिंग की व्यवस्था, रेस्टोरेंट, दुकानें फूड यार्ड ,बेसमेंट पार्किंग सर्व सुविधा युक्त कन्वेंशनल सेंटर बनाया जाना था। इस सरकार का आखिरी साल है और आज भी यह काम अधूरा है। केवल 50 से 60 प्रतिशत कार्य होना बताया जा रहा है।शहर के विधायक तीन महीने की डेडलाइन देकर अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी सौगात देने वाले थे, लेकिन विधायक निधि से फूटी कौड़ी आज तक इस क्षेत्र के लिए नहीं दी। समय पर काम भी पूरा नहीं कराया शहर के सबसे सुंदर पिकनिक स्पॉट रूप में 12 महीने में जतिया पारा तालाब के कार्य को पूरा हो जाना था लेकिन निर्माण के पूरा होने के पहले ही बाउंड्री वॉल का एक हिस्सा को ढह गया। मिलीभगत होने से जांच तक नहीं हुई, ठेकेदार भी बच गया। आसपास के मोहल्लों से तालाब में आने वाले गंदे पानी के फिल्ट्रेशन के लिए एसटीपी बनाने के लिए पृथक से 60 लाख का प्रावधान किया गया।श्री अग्रवाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी के फंड का ऐसा भी दुरुपयोग हो रहा है। इसे रोका जाना चाहिए। गुणवत्ता हीन घटिया काम कराया जा रहा है। स्मार्ट सिटी फंड का ऐसा भी दुरूपयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि
2018 में हमने कोई नया वादा नहीं किया। जो बड़ी परियोजनाओं के काम अधूरे रह गए थे,उसे पूरा करने की योजना थी। बिलासपुर को दुनिया के स्मार्ट शहरों की तरह का शहर बनाया जाना था, लेकिन कांग्रेस राज में विकास के सारे काम ठप पड़ गए । यहां जमीनें उड़ने लगीं, चाकूबाजी भूमाफ़ियाओ, गुंडो का बोलबाला हो गया ।। बिलासपुर अपराधपुर बन गया । पुलिस को निजात कार्यक्रम चलाना पड़ रहा है। सत्ता संरक्षण से बढ़ते अपराधों को निजात मिलने वाली नहीं है। धरने में जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, गुलशन ऋषि, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष जयश्री चौकसे, निखिल केसरवानी, महेश चंद्रिकापूरे, दीपक सिंह ठाकुर, अजित सिंह भोगल, विजय ताम्रकार, लक्ष्मी नारायण कश्यप, अमित चतुर्वेदी, सुरेश वाधवानी, चंदना गोस्वामी, वैभव गुप्ता,मोनू रजक, नितिन छाबड़ा, आशीष तिवारी, सीमा पांडे, शोभा कश्यप, रजनी यादव, संध्या चौधरी, दीप शिखा, मंजुला ठाकुर, श्वेता पांडे, प्रभा तिवारी, माया पमनानी, श्यामा सारथी, दिलीप रात्रे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं आम नागरिक शामिल थे।