बिलासपुर। हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से पूछा गया है कि बुजुर्गों के भरण पोषण और कल्याण के लिए प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम का संचालन क्यों नहीं किया जा रहा है, जबकि कानून में इसका प्रावधान किया गया है।
हाईकोर्ट बिलासपुर में संयुक्त ग्राम महिला संगठन, बिलासपुर की अध्यक्ष विद्या केडिया ने एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से एक जनहित याचिका पेश की है। जिसमें बताया गया है कि देश में जरूरतमंद बुजुर्गों के भरण पोषण और कल्याण के लिए केंद्र शासन ने वर्ष 2007 में एक कानून बनाया है। इसके अनुसार हर राज्य को यह निर्देश दिया गया कि उसे प्रत्येक जिले में एक वृद्धाश्रम की स्थापना करना है, जिसमें कम से कम 150 बुजुर्ग रह सकें। इस संबंध में संसद में यह बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में केवल 6 आश्रम ही चल रहे हैं। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविन्द वर्मा की डिवीजन बेंच में इस पर सुनवाई हुई।
केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस
याचिका की सुनवाई के दौरान मुद्दे को गंभीर बताते हुए कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, सचिव, समाज कल्याण, संचालक, समाज कल्याण और केंद्र शासन के सामाजिक न्याय विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। इसकी अगली सुनवाई फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में होगी।